0 राधिका -सुशील विवाद पर पीसीसी चीफ दीपक बैज का सधा और सटीक बयान
(अर्जुन झा) जगदलपुर। कांग्रेस एक विशाल परिवार है। हर परिवार में भाई – बहन और सदस्यों के बीच तकरार होती रहती है। परिवार के बड़े बुजुर्ग उन्हें समझाते बुझाते, मनाते हैं और परिवार को एकजुट रखते हैं। वैसे ही हमारे बड़े नेता भी कांग्रेस परिवार के सदस्यों के बीच तालमेल बनाए रखने का काम करते हैं। राधिका खेड़ा को जल्दबाजी नहीं करना चाहिए थी। अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ है, तो उन्हें इंसाफ जरूर मिलता। उक्त बातें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं बस्तर के सांसद दीपक बैज ने कही है। श्री बैज से कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला के बीच हुई तकरार को लेकर सवाल पूछा गया था। इस पर दीपक बैज ने बड़े ही सुलझे हुए अंदाज में कहा कि कांग्रेस परिवार में कभी किसी के साथ अन्याय नहीं होता, बल्कि हमारी कांग्रेस तो मोदी सरकार द्वारा देश के किसानों, नौजवानों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, बेरोजगारों के साथ किए जा रहे अन्याय के खिलाफ लड़ रही है। हमारे नेता खड़गे जी, सोनिया जी, राहुल जी, प्रियंका जी देश के सर्वहारा वर्ग को न्याय दिलाने संकल्पित होकर काम कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से हमारे नेता राहुल गांधी ने देशव्यापी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की और इस लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपनी मेनिफेस्टो को न्याय पत्र नाम दिया है। प्रियंका गांधी ने मातृशक्ति को मजबूत और सक्षम बनाने के लिए ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा दिया है। आज यह नारा हर बालिका, हर युवती और हर महिला के दिलो दिमाग पर पैठ बना चुका है। ऐसे में भला हम अपने ही परिवार की सदस्य राधिका जी के साथ अन्याय कैसे कर सकते हैं। राधिका खेड़ा ने थोड़ी जल्दबाजी कर दी है, उन्हें थोड़ा धैर्य रखना था। अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ है, तो उन्हें इंसाफ जरूर मिलता। सुशील आनंद शुक्ला पर कार्रवाई के सवाल को लेकर दीपक बैज नेता कहा कि पूरा मामला खड़गे जी, सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी के संज्ञान में आ चुका है। अपने इन वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर हमने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर ली है, दोनों पक्षो की बातों को ध्यान से सुन लिया है और तटस्थ भाव से रिपोर्ट तैयार कर पार्टी नेतृत्व के पास भेज दी है। हमारे सरे वरिष्ठ और कनिष्ठ नेता अभी चुनावों में व्यस्त हैं। चुनाव निपटते ही इस मसले का भी निपटारा हो जाता और राधिका बहन को भी न्याय मिलता, मगर उन्होंने इस्तीफा देकर बड़ी जल्दबाजी कर दी है। परिवार का कोई सदस्य अलग हो जाता है तब दुख तो होता है, मगर राधिका खेड़ा ने जो कदम उठाया है, वह उनका निजी मामला है।
राम तो सबके हैं : दीपक बैज
क्या कांग्रेस में अयोध्या के राम मंदिर और वहां भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समर्थन करने वालों को प्रताड़ित किया जाता है? क्योंकि राधिका खेड़ा ने ऐसा कहा है। इस पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि भगवान श्रीरामचंद्र सभी देशवासियों के आराध्य हैं, उन पर किसी दल या व्यक्ति का एकाधिकार नहीं है। यह व्यक्तिगत आस्था का मामला है और व्यक्तिगत आस्था के मसले पर कांग्रेस कभी हस्तक्षेप नहीं करती और न ही किसी सदस्य के रामलला के दर्शन पर रोक लगाती है। खड़गे जी भी देवी देवताओं की पूजा करते हैं, राहुल जी और प्रियंका जी अक्सर मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन करते रहते हैं। राधिका खेड़ा ने ऐसा क्यों कहा है, यह तो वही जानें।
यह कहा है राधिका खेड़ा ने
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा देते समय कई बड़ी बातें कही हैं। राधिका खेड़ा ने कहा कि मैंने कभी भी पार्टी के विपक्ष में कोई काम नहीं किया। जो पार्टी ने कहा मैंने वही किया। मैंने कभी भी पार्टी लाइन क्रॉस नहीं की।पूरी निष्ठा के साथ पार्टी में काम किया पूरी ईमानदारी मैंने पार्टी को लेकर दिखाई थी। पर पार्टी के लिए इतनी ईमानदारी से काम करने के बावजूद खुद के साथ न्याय नहीं होता। राधिका खेड़ा ने आगे कहा कि जो लोग राम के उपासक हैं, उनके साथ अभद्रता करना, उनके साथ न्याय नहीं करना इससे बड़ा कोई पाप हो नहीं सकता। राधिका खेड़ा ने यह भी कहा है -मैं रामलला का दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई और अयोध्या चली गई। इसी वजह से मुझे प्रताड़ित किया जाता रहा है। मैंने लगातार 6 दिनों तक इंतजार किया। मुझे कहा गया चुनाव है, इंतजार करो भूल जाओ। मुझे साफ- साफ बोल दिया गया कि आपको न्याय नहीं मिलेगा, कुछ नहीं होगा। इंतजार करते -करते थक चुकी हूं और अब प्रभु श्री राम ही मेरे साथ न्याय करेंगे।
भाजपा में जाने की भूमिका तो नहीं?
राधिका खेड़ा – सुशील आनंद शुक्ला विवाद पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा कार्रवाई का संकेत देने तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा प्रकरण की त्वरित गति से निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट हाई कमान के पास भेज दिए जाने के बावजूद राधिका खेड़ा की जल्दबाजी कुछ और ही कहानी कहती नजर आ रही है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि राधिका खेड़ा ने इस्तीफा देने में जो जल्दबाजी की है, उससे प्रतीत होता है कि वे भाजपा में जाने बेताब हैं। इस्तीफे के साथ आए राधिका खेड़ा के बयान से लग रहा है कि वे अब भारतीय जनता पार्टी की भाषा बोलने लगी हैं। साथ ही ऐसा भी लग रहा है कि वे कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में जाने की भूमिका पहले से बना चुकी हैं। इसीलिए उन्होंने अपने बयान बार बार राम का जिक्र किया है। रायपुर में हुए विवाद में भगवान राम के प्रति राधिका खेड़ा की आस्था को लेकर तो कोई बात ही नहीं हुई थी। फिर वे विवाद में भगवान राम को बीच में क्यों ला रही हैं। इससे संकेत मिलता है कि वे भी जल्द भाजपा के शरणागत हो सकती हैं।