नरसिंहपुर I पशुधन की सुरक्षा को लेकर चलाई जा रही पशु चिकित्सा एम्बुलेंस सेवा पिछले एक साल में जिले के करीब 5 हजार बीमार और घायल मवेशियों के लिए वरदान साबित हुई है। जिले में बीते साल मई के महीने में शुरू हुई इस मोबाइल वेटरनरी एंबुलेंस के तहत जिले भर में दौड़ रही 7 एंबुलेंस वाहनों से अब 5029 मवेशियों को मौके पर ही उपचार मुहैया कराते हुए उनकी जान बचाई जा सकी है। इसके अलावा पिछले साल मवेशियों के बीच फैले लंपी संक्रमण के दौरान भी दो हजार से अधिक लंपी संक्रमित मरीजों को उपचार दिया गया। उलेखनीय है कि पशुओं को ग्रामीण क्षेत्रों में घर पर ही चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिले में एक मुख्यालय स्तर सहित प्रत्येक विकासखंड में एक एक मोबाइल वेटरनरी एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है। सभी वाहनों में एक डॉक्टर, एक पैरावेट और एक ड्राइवर कम अटेंडेंट के साथ माइक्रोस्कोप,आपरेशन संबंधी उपकरण,इंजेक् शन,दवाइयां,फ्रि ज की सुविधा रहती है। जो काल सेंटर से सूचना मिलते ही बताई गई लोकेशन पर पहुंच कर महज 150 रूपए के शुल्क में यथोचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है। इस एंबुलेंस सेवा के दौरान मिलने वाला उपचार और दवाएं भी निशुल्क प्रदान की जाती है।
घर पर ही इलाज मिलने से दूर हुई परेशानी
इस सेवा के तहत ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में जहां से बीमार मवेशी को अस्पताल लाने में काफी असुविधा होती थी,में पशुपालकों को घर पर ही इलाज की सुविधा मिलने से बड़ी सहूलियत मिली है। नरसिंहपुर के विवेक विश्वकर्मा के अनुसार उनके बछड़े का पैर टूट गया था। जिसके कारण वह चलने फिरने से लाचार हो गया था। उन्होने इसके उपचार के लिए 1962 डायल किया। इसमें थोड़ी ही देर बाद उनके घर पर पशु चिकित्सा एम्बुलेंस वाहन पहुंची। इसमें चिकित्सा टीम ने मौके पर ही बछड़े का उपचार प्रदान किया।
हादसों में घायल आवारा मवेशियों को भी मिल रहा उपचार
जिले भर में सडक़ हादसों में घायल होने वाले मवेशियों को समय पर इलाज मिल पाना एक बहुत बड़ी समस्या है जिसके कारण वे घायल अवस्था में ही दम तोड़ देते हैं। लेकिन जिला मुख्यालय पर एंबुलेंस सेवा का समन्वय देख रहे रजनीश ने बताया कि इस योजना में एक्सीडेंट के मामले में भी मौके पर उपचार दिया जाता है।
बछड़े का किया मौके पर आपरेशन
रजनीश ने बताया कि काल सेंटर से सूचना मिली कि सिंहपुर रोड पर स्थित महाकौशल नगर कालोनी में एक आवारा बछड़ा गंभीर रूप से कराह रहा है। टीम ने मौके पर जाकर देखा तो उसकी दोनों आंखे बाहर निकली हुई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टीम के डाक्टर और सहायकों ने तुरंत मौके पर उसकी आंखों का उपचार किया।
वर्जन
मोबाइल वेटरनी एंबुलेंस की सुविधा जिले के दुर्गम पहुंच वाले और पशुचिकित्सा विहीन गांवों के पशु पालकों के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। इससे मवेशियों को समय पर इलाज मिलने लगा है। इसके अलावा एक्सीडेंट की घटनाओं में आने वाले आवारा मवेशियों की जान भी बच जाती है।
डा प्रवीण पटैल,सहायक संचालक पशुचिकित्सा