0 इस शादी के सीजन में 4.25 लाख करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है
रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश सहित देश भर के व्यापारी आगामी शादी के मौसम के लिए एक बड़ी बिक्री करने पूरी तरह से तैयारी में जुट गये हैं । दिवाली के तुरंत बाद शादियों का सीजन में इस बार व्यापारी बड़े व्यापार की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इस वर्ष 23 नवंबर, देवउठनी एकादशी से शादियों का सीजन शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलेगा। एक अनुमान के अनुसार किए इस अवधि के दौरान प्रदेश सहित देश भर में लगभग 35 लाख शादियाँ संपन्न होंगी, जिसमें शादी की खरीदारी और शादी से संबंधित अनेक प्रकार की सर्विस के ज़रिए सेवाएँ लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये का बड़ा खर्च इस सीजन में होने की संभावना है। भारी प्रवाह होगा।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया की कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा हाल ही देश के 20 प्रमुख शहरों के व्यापारियों एवं सर्विस प्रोवाइडर के बीच किए गए एक सर्वे के अनुसार अकेले दिल्ली में इस सीज़न में 3.5 लाख से अधिक शादियाँ होने की उम्मीद है, जिससे दिल्ली में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है। पिछले साल इसी अवधि में करीब 32 लाख शादियां हुईं और खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये आंका गया था।
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान समिति के अध्यक्ष एवं प्रख्यात वैदिक विद्वान आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि नक्षत्रों की गणना के अनुसार नवंबर में विवाह की तिथियां 23,24,27,28,29 हैं जबकि दिसंबर माह में विवाह की तिथियां हैं। 3,4,7,8,9 और 15 तारीखें विवाह के लिए शुभ दिन हैं। उसके बाद, तारा एक महीने के लिए मध्य जनवरी तक डूब जाता है और फिर मध्य जनवरी से शुभ दिन शुरू हो जाएंगे।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि इस शादी सीजन में करीब 6 लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आएगा, जबकि करीब 10 लाख शादियों में प्रति शादी करीब 6 लाख, 12 लाख रुपये का खर्च आएगा. शादियों में प्रति शादी लगभग 10 लाख खर्च होंगे, 6 लाख शादियों में प्रति शादी 25 लाख खर्च होंगे, 50 हजार शादियों में प्रति शादी 50 लाख खर्च होंगे और 50 हजार शादियाँ ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक पैसे खर्च होंगे। कुल मिलाकर इस एक महीने में शादी के सीजन में बाजारों में शादी की खरीदारी से करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह होगा। शादी के सीज़न का अगला चरण जनवरी के मध्य से शुरू होगा और जुलाई तक जारी रहेगा
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि शादी के सीजन में कारोबार की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। ग्राहकों की संभावित भीड़ को देखते हुए व्यापारी अपने यहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विवाह का लगभग 20 प्रतिशत खर्च दूल्हा-दुल्हन पक्ष को जाता है जबकि 80 प्रतिशत खर्च विवाह संपन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने बताया कि शादी के सीजन से पहले घरों की मरम्मत और घरों की रंगाई-पुताई का कारोबार बड़ी मात्रा में होता है। इसके अलावा आभूषण, साड़ी, लहंगा-चूनी, फर्नीचर, रेडीमेड कपड़े, कपड़े आदि का कारोबार होता है। , जूते, शादी और ग्रीटिंग कार्ड , सूखे मेवे, मिठाइयाँ, फल, पूजा सामग्री, किराना, खाद्यान्न, सजावट का सामान, घर की सजावट का सामान, विद्युत उपयोगिता, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई उपहार आइटम आदि की आमतौर पर मांग रहती है और इस साल इन सेक्टर के अलावा अन्य व्यापार में भी अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि प्रदेश समेत देशभर में शादी के लिए बैंक्वेट हॉल, होटल, खुले लॉन, सामुदायिक केंद्र, सार्वजनिक पार्क, फार्म हाउस और कई अन्य प्रकार के स्थान पूरी तरह तैयार हैं. प्रत्येक शादी में सामान की खरीद के अलावा, टेंट डेकोरेटर, फूलों की सजावट, क्रॉकरी, खानपान सेवा, यात्रा सेवा, कैब सेवा, पेशेवर समूहों का स्वागत, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड सहित कई प्रकार की सेवाएं भी शामिल होती हैं। -बाजा, शहनाई, ऑर्केस्ट्रा, डीजे, जुलूस के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट और कई अन्य प्रकार की सेवाओं से इस बार बड़ा कारोबार होने की संभावना है! इसके साथ ही इवेंट मैनेजमेंट भी एक बड़ी व्यावसायिक संभावना बनकर उभरा है।