PM MODI ने आ‎दि कैलाश से मांगा आशीर्वाद, पार्वती कुंड की किया पूजा-अर्चना

पिथौरागढ़। पीएम नरेंद्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड के ‎पिथौरागढ़ पहुंचकर आ‎दि कैलाश के दर्शन ‎किए। इससे पूर्व उन्होंने पार्वती कुंड में पूजा अर्चना भी की। गौरतलब है ‎कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहाड़ी राज्य की एक दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने अपने निवास स्थान पर पवित्र आदि-कैलाश से आशीर्वाद मांगा। यह स्थल अपने आध्यात्मिक महत्व और शुद्ध एवं लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। राज्य के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान वह कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री का यहां एक जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना भी करेंगे और गुंजी गांव भी जाएंगे।

एक्स पर एक पोस्ट में, मोदी ने कहा, हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण और राज्य के तीव्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसे और अधिक गति प्रदान करने के लिए, मैं कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करूंगा। उन्होंने कहा ‎कि मुझे गुंजी गांव के लोगों के साथ बातचीत करने का भी अच्छा अवसर मिलेगा। मैं दौरे के दौरान आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण पार्वती कुंड के दर्शन और जागेश्वर धाम में पूजा का भी उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं।

पीएम मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत जोलिंगकोंग में भगवान शिव के निवास आदि कैलाश शिखर के दर्शन के साथ की, जहां से वह गुंजी गांव जाएंगे। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक यात्रा कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि वहां वह स्थानीय लोगों और सुरक्षा कर्मियों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह जागेश्वर धाम में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करेंगे और पिथौरागढ़ के कुमाऊं क्षेत्र में सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगे, विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा ‎कि प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान क्षेत्र को विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। यह आदि कैलाश पर्यटन सर्किट को एक नई पहचान देगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजक सीएस चौहान ने कहा ‎कि हमने हवाईअड्डे से लेकर पिथौरागढ़ के एसएस वाल्दिया स्पोर्ट्स स्टेडियम में बैठक स्थल तक कई स्थानों पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए कुमाऊं क्षेत्र के सभी हिस्सों से सांस्कृतिक दलों तैयार हैं।

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