0 भाजपा के झांसे में नहीं आएंगे किसान, भूपेश सरकार में वायदे से ज्यादा मिल रहे हैं फ़सल के दाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का किसान भारतीय जनता पार्टी के झूठ, भ्रम और छलावे में नहीं आने वाला है, भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत वायदे से ज्यादा मिल रहा है, आगे और ज्यादा की उम्मीद भी किसानों को भूपेश की अगली सरकार से ही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की इनपुट सब्सिडी की राशि को मिलाकर पिछले खरीफ सीजन में धान का प्रतिफल छत्तीसगढ़ के किसानों को 2640 और 2660 रूपए प्रति क्विंटल मिला है जो देशभर में सर्वाधिक है। कोदो 3000 रूपए प्रति क्विंटल, कुटकी 3100 और रागी की खरीदी 3578 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर केवल छत्तीसगढ़ में ही हुई है। छत्तीसगढ़ का किसान यह मान चुका है कि भूपेश पर भरोसे की अगली सरकार में आने वाले समय में धान की कीमत यह 3000, 3600 और 4000 रूपए प्रति क्विंटल मिलेगा। भाजपा के 2183 पर भी छत्तीसढ़ के किसानों को भरोसा नहीं है, किसान यह समझ चुके हैं कि धान और किसान भारतीय जनता पार्टी के लिए केवल चुनावी लिहाज से ही जरूरी है। 15 साल रमन राज में छत्तीसगढ़ के किसानों को लगातार ठगा गया, बोनस के नाम पर वादाखिलाफ़ी की गई। चुनावी साल को छोड़कर कभी बोनस नहीं दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के किसान यह समझ चुके हैं कि कैसे चुनाव करीब आते ही भाजपाई किसान हितैसी होने का ढोंग करने लगते हैं। रमन राज के कुशासन और वादाखिलाफी के साथ ही मोदी सरकार के झूठे वादे और जुमले भी किसानों को याद है। 2014 में वादा किया था भाजपा ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी-2 फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ के साथ एमएसपी देने का, 9 साल हो गए क्या हुआ उसे वादे का? 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का वादा मोदी सरकार ने किया था लेकिन किए उल्टा, कृषि की लागत 3 गुना बढ़ा दी। पोटाश की कीमत 800 से बढ़कर 1700, कीटनाशक के दाम 4 गुना तक बढ़े हैं। ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों में 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी वसूली जा रही है, कृषि उपकरणों के स्पेयर पार्ट्स में तो 28 परसेंट तक बेरहमी से जीएसटी की वसूली जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि यूपीए के दौरान केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार ने 2004-05 से 2013-14 के बीच धान की एसपी में कुल 134 प्रतिशत की वृद्धि किया था, लेकिन मोदी सरकार ने 2003-04 से लेकर खरीफ सीजन 2023-24 के लिए घोषित समर्थन मूल्य अर्थात 10वीं बार में धान के समर्थन मूल्य में कुल वृद्धि मात्र 66.64 प्रतिशत बढाया है, इसका अर्थ साफ है कि मनमोहन सरकार की तुलना में मोदी सरकार में धान की एमएसपी वृद्धि दर आधे से भी कम है। भूपेश सरकार ने तो भाजपाइयों के तमाम अड़ंगेबाजी के बावजूद, बिना किसी भेदभाव के छत्तीसगढ़ के किसानों को अपने संसाधनों से इनपुट सब्सिडी दे रही है और आगे भी देगी। छत्तीसगढ़ में भूपेस सरकार द्वारा भूमिहीन कृषि श्रमिकों के लिए चलाई जाने वाली न्याय योजना का दूसरा उदाहरण देश में नहीं है। छत्तीसगढ़ के अन्नदाता के आशीर्वाद से पुनः भूपेश पर भरोसे की सरकार बनेगी और छत्तीसगढ़ के किसानों को उनकी उम्मीदों से ज्यादा लाभ होगा ।