रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा है कि किसानों के धान भुगतान के नाम पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के तमाम दावों का गड़बड़ी भी अब सामने आ रही है। श्री शर्मा ने कहा कि किसानों को धान के बकाया भुगतान की पहली किश्त की राशि जारी किए जाने के दावे की सच्चाई यह है कि एक माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी हजारों किसानों के खाते में एक रुपया तक नहीं आया है!
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक तरफ किसानों को धान के अधिकतम दाम देने का ढोल पीट रहे हैं जबकि दूसरी तरफ परेशान किसान अब बैंक और कृषि कार्यालयों के चक्कर काटने के लिए विवश हो रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राशि जारी नहीं होने के कारण किसानों का कृषि-कार्य ठप्प पड़ गया है। हमने जून के पहले सप्ताह में ही कबीरधाम जिले के लगभग 51 हजार किसानों के इस राशि से पूरी तरह वंचित होने का मामला सामने लाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था, लेकिन प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते किसानों के साथ घोर अन्याय हो रहा है। अब जबकि बारिश शुरू हो चुकी है, किसानों को जुताई-बुआई और बीज-खाद के लिए पैसों की सख्त जरूरत है, तब यह खुलासा हो रहा है कि ऐसे मामले पूरे प्रदेशभर में हैं और ऐसा लग रहा है कि बकाया भुगतान की पहली किश्त की राशि से वंचित किसानों की यह संख्या लाखों में है। श्री शर्मा ने कहा कि एक ओर जहाँ सहकारी बैंक के अधिकारी बता रहे हैं कि इस बार रायपुर में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के माध्यम से राशि जारी होने के कारण पूरे प्रदेश के किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं प्रदेश सरकार उक्त भुगतान नहीं होने के जो कारण गिना रही है,वह गलत है। भुगतान लंबित होने की असली वजह तो यह है कि प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति बेहद खराब है और किसानों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि अब तो कृषि विभाग की सचिव ने भी स्वीकार किया है कि किसानों का यह भुगतान अब तक बकाया है। लेकिन, प्रदेश सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई पड़ी है। हम बार-बार किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा उठा रहे हैं, परंतु प्रदेश की संवेदनहीन कांग्रेस सरकार किसानों की समस्या से आँखें मूंदे बैठी है और कांग्रेस व सरकार में मचे घमासान और मुख्यमंत्री बघेल व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम के जो सत्ता-संघर्ष खुलकर सामने आ रहा है, प्रदेश सरकार उसी में मस्त है, प्रदेश का किसान त्रस्त है! श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल किसानों के धान भुगतान की बकाया राशि प्रदान करे, अपितु तेंदूपत्ता संग्राहकों का लंबित 354 करोड़ रुपए काभुगतान भी तुरंत किया जाए। श्री शर्मा ने कहा कि परेशान किसान जब बैंक में संपर्क कर रहे हैं तो वे यह जानकर हैरान हो रहे हैं कि कई किसानों की स्वयं की कृषि भूमि को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में सरकारी भूमि बताया जा रहा है। श्री शर्मा ने सवाल किया कि जिस भूमि पर फसल लेकर किसानों ने सहकारी समितियों में बेचा है तो अब धान भुगतान की बकाया राशि जमा करते वक्त वह भूमि किस आधार पर सरकारी बताई जा रही है? प्रदेश की कांग्रेस सरकार दावों का मुँहजुबानी जमा-खर्च करके शोर तो खूब मचा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर वह हर वर्ग के साथ केवल छलावा कर रही है। श्री शर्मा ने मांग की कि प्रदेश सरकार इस मामले का संज्ञान लेकर तत्काल किसानों को भुगतान उनके खातों में जमा कराए और किसानों को राहत प्रदान करे।