0 योजना के तहत हितग्राहियों को मिलेंगे भूमि के स्थाई पट्टे
0 छुटे हुए क्षेत्रों का सर्वे शीघ्र किया जाएगा प्रारंभ
रायपुर । कलेक्टर श्री सौरभ कुमार की अध्यक्षता में आज यहां कलेक्टोरेट परिसर स्थित सभाकक्ष में राजीव गांधी आश्रय योजना के संबंध में समस्त प्राधिकृत अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई। कलेक्टर ने रायपुर नगर निगम अंतर्गत सभी प्राधिकृत अधिकारी जोन आयुक्तों से पूर्व में हुए सर्वे, सर्वे के लिए छुटे हुए क्षेत्रों, सर्वे का प्रारूप तथा हितग्राहियों से ली जाने वाली जानकारी, दावा आपत्ति, पट्टा वितरण सहित अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए हितग्राहियों को अधिकार दिया जाना है तथा सभी पात्र हितग्राहियों को पट्टा मिल सके यह सुनिश्चित करना होगा। कलेक्टर ने कहा कि सर्वे का कार्य अप्रैल के प्रथम सप्ताह से शुरू की जाएगी। सर्वे में ग्रामीण क्षेत्रों के पटवारियों की भी मदद ली जाए ताकि सर्वे का कार्य व्यवस्थित रूप से समय सीमा में हो सके। उन्होंने सर्वे हेतु प्रारूप अद्यतन करने तथा टीम गठन करने आदि के लिए अपर कलेक्टर, एसडीएम और जोन आयुक्तों को निर्देशित किए।
अपर कलेक्टर श्री बी.बी.पंचभाई ने बताया कि 19 नवंबर 2018 को शहरी क्षेत्रों में शासकीय नजूल, स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण की भूमि में निवास करने वाले आवासहीनों को ऐसी अधिभोग की भूमि के पट्टे की पात्रता होगी जिसका उस पते का राशनकार्ड बना हो। राशन कार्ड न हो तो नियम में उल्लेखित अन्य प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन पश्चात उसे पट्टा प्रदान किया जायेगा। जिसमे मतदाता सूची, विद्युत देयक, टेलीफोन बिल, संपत्तिकर, समेकित कर, जलकर भुगतान दस्तावेज, भवन अनुज्ञा, दुकान अनुज्ञा, अंतिम तिथि के पूर्व में जारी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज शामिल है।
उन्होंने बताया कि पट्टा हेतु निर्धारित क्षेत्रफल रायपुर नगर निगम हेतु 600 वर्गफुट तक निर्धारित है। झुग्गीवासी भूमिहीन व्यक्ति के पट्टे के लिये कोई प्रब्याजी या भूभाटक नहीं लिया जायेगा। 10 वर्षों तक प्रतिवर्ष 15 रूपये प्रति वर्गफुट विकास शुल्क लिया जायेगा। झुग्गीवासी किरायेदार के रुप में निवास कर रहा है तब भी पट्टे की पात्रता किरायेदार को ही होगी। किसी भी परिस्थिति में झुग्गी के मालिक को जिसने किराये पर झुग्गी दे रखी है, को पट्टा नहीं दिया जायेगा। पट्टा हेतु प्रतिषेध क्षेत्रफल नगरीय क्षेत्रों में सड़क, तालाब, नहर तथा सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर काबिज है, तब उस भूमि की पट्टे की पात्रता नही होगी।
अपर कलेक्टर ने बताया कि प्रत्येक क्षेत्र के लिये 20 कॉलम वाला प्रारुप क में एक रजिस्टर तथा अधिभोग के अधीन भूखण्ड को दर्शाने वाली स्थल कार्ययोजना तैयार की जायेगी। सर्वेक्षण उपरांत सर्वेक्षण दल से प्राप्त रिपोर्ट को सूचीबद्ध कर पात्र व्यक्तियों के नाम, भूमि का विवरण, पट्टा हेतु रकबा का विवरण, वार्ड-बस्ती का नाम सूचीबद्ध कर 07 दिवस की कालावधि में दावा आपत्ति लेने की कार्यवाही की जाएगी। पात्र व्यक्ति की सूची का प्रकाशन संबंधित नगरीय निकाय, जोन कार्यालय, प्राधिकृत अधिकारी के कार्यालय में किया जाना उचित होगा।
उन्होंने बताया कि निवास गृह से अभिप्रेत एक मंजिली झापेड़ी या एक मंजिली अधिरचना से है। भूमिहीन व्यक्ति से अभिप्रेत कोई ऐसा व्यक्ति जो किसी नगरीय क्षेत्र में जहाँ वह वास्तविक रुप से निवास कर रहा है कोई मकान या भूमि या तो अपने स्वयं के नाम पर या अपने कुटुंब के किसी सदस्य के नाम से स्वामित्व में नहीं रखता हो। पट्टा पति एवं पत्नि दोनो के संयुक्त नाम पर तैयार किया जायेगा। पट्टा में पति-पत्नि दोनो का संयुक्त फोटो होगा। विकास शुल्क की राशि राजस्व मद के लेखा शीर्ष-0029, भूराजस्व-800 अन्य-0024 से जमा किया जाएगा। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर श्री अभिषेक कुमार, संयुक्त कलेक्टर श्री यू एस अग्रवाल, एसडीएम, रायपुर नगर निगम के सभी दस जोनों के जोन आयुक्त एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।