रायपुर। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने प्रदेश भर में शराब दुकानों से मुंहमांगी तादात में कोचियों को शराब उपलब्ध होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपये का शराब घोटाला उजागर होने के बावजूद भूपेश बघेल के राज का शराब कोचिया सिंडिकेट बदस्तूर जारी है। बड़े शराब घोटाले में सरकार की शराब विपणन कंपनी का एमडी रहा आबकारी अफसर जेल चला गया। सरकार की भरपूर सहानुभूति होने के बाद भी उसे जमानत नहीं मिली। अवैध तरीके से गली गली में शराब बिक्री का लक्ष्य पूरा करने शराब दुकानों को कोचियों का अड्डा बना दिया गया है, वह कारोबार अब भी धड़ल्ले से चल रहा है। शराब दुकानों के कर्मचारी किसके निर्देश पर पूरे प्रदेश में कोचियों को मांग के मुताबिक शराब उपलब्ध करा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि 2 हजार करोड़ रुपये का संगठित शराब घोटाला पकड़े जाने के पहले तक शराब दुकानों में दो तरह की शराब बिक रही थी, एक वैध और दूसरी अवैध। एक की बिक्री की रकम सरकार के खजाने में जा रही थी तो दूसरी की रकम सरकार संरक्षित सिंडिकेट के खजाने में। यह बात पूरे प्रदेश की जनता जानती है। विधानसभा में भाजपा ने लगातार यह मुद्दा उठाया। अभूतपूर्व शराब घोटाला ईडी ने पकड़ा तो तथ्य सामने आया कि 40 फीसदी तक राजस्व सिंडिकेट की तिजोरी में चला गया। अब मुख्यमंत्री बतायें कि यह कोचिया नेटवर्क किसके लिए काम कर रहा है। यह कोचिये कौन है ? जो सरकारी शराब दुकानों के खास ग्राहक हैं। कोचियागिरी की कमाई क्या चुनावी खर्चे के लिए बटोरी जा रही है?
सरकार क्यों मौन है,कोचियें के कारण संगठित अपराध बढ़ रहे है