0 जल वायु परिवर्तन एवं जल जंगल हानि संकट से बचाव हेतु संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों 6 स्वच्छ जल एवं 13 जलवायु क्रिया का होगा कायाकल्प : विश्वनाथ
दंतेवाड़ा। पेड़ है तो जल है, जल है तो जीवन है। इसी नारा को अनुसरण करते हुए धरती पर “जल जंगल जमीन” संरक्षण तथा संवर्धन करना सब का जिम्मेदारी है। परंतु जंगल के निरंतर अवैध अनावश्यक एवं अवैज्ञानिक कटाई ने ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन संकट में खड़ा कर दिया है। वहीं जल की बरबादी तथा जल संरक्षण के अभाव में हमें विश्व संकट की ओर बढ़ा रहा है। आज इन्ही सब चेतावनियों को पोस्टर के रूप में तैयार कर ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया ने जन हित में जागरूकता आभियान चलाया जारहा है। ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया द्वारा कार्यक्रम का आयोजन कर अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही द्वारा तैयार किए गए शॉर्ट वीडियो क्लीपिंग के माध्यम से जल जंगल की बरबादी की गणना को प्रदर्शित किया गया। जल की बूंद बूंद का सदुपयोग करने हेतु आग्रह किया। साथ ही वन रक्षिते रक्षित: के सिद्धांत को परिभाषित करते हुए कहा की यदि हमे दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन संकट से बचाना है तो हमें जंगल बचाना होगा और पेड़ पौधा रोपण अधिक मात्रा में करना होगा होगा। इसके साथ ही विश्व वानिकी दिवस की थीम “वन एवं सतत उत्पादन व खपत” पर सारगर्भित जानकारियां देते हुए डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही कहा कि हमें वनों को कुछ समय विश्राम देना चाहिए । साथ ही प्रकृति पुनरुत्पादन के सिद्धांत पर भी काम करना चाहिए। ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के डायरेक्टर एवं शिक्षाविद् अमुजुरी विश्वनाथ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संस्था के सहयोग से विश्व वानिकी दिवस पर और संयुक्त राष्ट्र जल संस्था के सहयोग से विश्व जल दिवस के अवसर पर भूगर्भ जलस्तर अदृश्य को दृश्यमान बनाना विषय पर अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय अभियान ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया ने प्रारंभ किया। “जल – जंगल – जमीन” को संरक्षण तथा सुक्षित रखना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है, ताकि मानव पीढ़ी, जीव जंतु एवं पर्यावण की सतत दीर्घकालीन जीवन यापन बना रहे। साथ ही साथ ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के डायरेक्टर अमुजुरी विश्वनाथ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं जल जंगल हानि संकट से बचाव हेतु संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों 6 स्वच्छ जल एवं 13 जलवायु क्रिया का कायाकल्प हेतु भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय एवं पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से विभिन्न विषयों पर कार्यक्रम किया जाएगा। अन्यथा अगला विश्व व राष्ट्रीय संकट पानी एवं जंगल के लिए होगा। इसकी मद्दे नजर रखते हुए अमुजुरी विश्वनाथ के द्वारा बनाया गया पोस्टर जारी करके के पकृति प्रेमी, शिक्षाविदों, विद्यार्थियों तथा सामाजिक संस्थाओं के लिए विभिन्न विषयों पर निः शुल्क जागरुकता कार्यक्रम, प्रतियोगिता, प्रोजेक्ट एवं अवार्ड गतिविधियां अयोजित किया जाएगा।