0 अमेरिका को निर्यात की खबर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुश
लोहंडीगुड़ा। बस्तरिहा इमली ने छत्तीसगढ़ सरकार के आंगन में मिठास बिखेर दी है। यहां की इमली से निर्मित खाद्य पदार्थों के अमेरिका को निर्यात की खबर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आल्हादित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में खबर को टैग करते हुए ट्वीट किया है और खुशी जताई है। बस्तर के सांसद दीपक बैज ने बस्तर के वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थों के विदेशों में लोकप्रिय होने को बस्तर के लिए गौरवपूर्ण बताया है।
लोहंडीगुड़ा, बकावंड समेत बस्तर के कुछ अन्य स्थानों पर यहां के जंगलों में उपजने वाली इमली, महुआ, चार, छिंद, रागी आदि पर आधारित छोटे और मध्यम उद्योगों की स्थापना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर हुई है। रीपा योजना के तहत स्थापित उद्योग बस्तर के लिए वरदान साबित हुए हैं। इन उद्योगों में जहां स्थानीय आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं को भरपूर रोजगार मिल रहा है, वहीं इन उद्योगों द्वारा वनोपजों से उत्पादित खाद्य पदार्थ खासकर इमली से बनी कैंडी, जेम, सॉस आदि अब अमेरिका को एक्सपोर्ट किए जाने लगे हैं। दो दिन पहले ही बस्तर के सांसद दीपक बैज और उनकी धर्मपत्नी पूनम बैज ने लोहंडीगुड़ा के एक उद्योग में इमली से बने दस टन खाद्य पदार्थों की खेप को हरी झंडी दिखाकर अमेरिका के लिए रवाना किया था। इस आशय की खबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ट्वीटर हैंडल में टैग करते हुए खुशी जाहिर की है।बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा है कि बस्तर के वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थों की डिमांड अमेरिका जैसे देशों में होना समूचे बस्तर के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के वनोपजों का महत्व समझा और उन्हें मान सम्मान दिलाया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की दूरदर्शी सोच की वजह से आज बस्तर गौरवांवित हुआ है। स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं रीपा योजना के तहत वनोपजों पर आधारित कुटीर उद्योग संचालित कर आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सक्षम बन रही हैं। श्री बैज ने कहा कि बस्तर में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात कर दिया है। उन्होंने कहा कि बस्तर में वनोपजों की प्रचुर उपलब्धता है। यहां के जंगलों में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों, हर्रा, बेहरा, आंवला आदि से दवाइयां बनाई जा सकती हैं। यहां दवा उद्योगों के लिए भी अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में जरूर काम करेगी।
दवा उद्योग के लिए भी प्रचुर संभावनाएं : बैज
सांसद दीपक बैज वनोपजों की बहुलता वाले चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं। तब से वे निरंतर इन वनोपजों से खाद्य पदार्थ बनाने, आदिवासियों को वनोपजों की वाजिब कीमत दिलाने, जंगली फलों और जड़ी बूटियों से दवा निर्माण के लिए प्रयासरत रहे हैं। उनका यह सपना भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आने के बाद अब जाकर साकार होता नजर आ रहा है। श्री बैज ने कहा है कि बस्तर के जंगलों में हर्रा, बेहरा, आंवला, और जड़ी बूटियां भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इन फलों और जड़ी बूटियों से अनेक बीमारियों की कारगर दवाएं बनाई जा सकती हैं।
बस्तर में औद्योगिक क्रांति के जनक हैं भूपेश बघेल : जैन
संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने बस्तर के वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थों की अमेरिका जैसे विकसित देश में जबरदस्त डिमांड होने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि हमारा बस्तर पर्यटन स्थलों और प्राचीन धरोहरों के लिए विश्व विख्यात रहा है, मगर बस्तर को असली पहचान अब मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रीपा के तहत यहां उद्योगों की स्थापना कराकर बस्तर का नाम पूरी दुनिया में पहुंचा दिया है। श्री जैन ने कहा है कि हमारी सरकार की पहल पर ही बस्तर की जमीन पर अब औद्योगिक क्रांति की पदचाप सुनाई देने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर में आ रही औद्योगिक क्रांति के जनक हैं।
मुख्यमंत्री बघेल की सोच को नमन : लखेश्वर
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने बस्तर में औद्योगिक क्रांति लाने का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिया है। उन्होंने कहा है कि हमारा बस्तर जल, जंगल और उपजाऊ जमीन से समृद्ध रहा है। यहां मिलने वाले वनोपजों पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए पिछली भाजपा सरकार ने सोचा ही नहीं था। मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए यहां वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना कराई। इसकी बदौलत आज बस्तर के वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थों की धूम अमेरिका में मची है। श्री बघेल ने मुख्यमंत्री की सोच को नमन करते हुए उन्हें साधुवाद दिया है।