0 मान सरकार पर सिखों को झूठे मुकदमें में फंसाने का आरोप लगाया
नई दिल्ली। पंजाब में गिरफ्तारी के बाद अपने साथियों के साथ डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे, के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने वकील के द्वारा एक पत्र भेजा है। अमृतपाल के वकील भगवंत सिंह सियालका के अनुसार, अमृतपाल ने कहा कि सर्वशक्तिमान के आशीर्वाद से मैं यहां चढ़दी कलां (बुलंद हौसलों के साथ) में हूं। अमृतपाल सहित संगठन के अन्य लोगों के परिजनों ने डिब्रूगढ़ जेल में उनसे मुलाकात की थी, इस दौरान सियालका भी मौजूद रहे। अमृतपाल ने सियालका को गुरुमुखी में लिखा एक पत्र सौंपा, जिसमें उसने कहा कि सर्वशक्तिमान के आशीर्वाद से, मैं यहां चढ़दी कलां में हूं। अपने संगठन के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों का जिक्र करते हुए अमृतपाल ने पंजाब सरकार पर अत्याचार करने और सिखों के खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज करने का आरोप लगाया। अमृतपाल ने कहा, यह पूरा मामला खालसा पंथ का है और मैं पंथ से अपील करता हूं कि सक्षम अधिवक्ताओं का एक पैनल बनाया जाए, जो इन सभी मामलों को आगे बढ़ाएगा। सियालका, जो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के एक कार्यकारी सदस्य भी हैं, ने कहा कि वकीलों का एक विशेष पैनल बनाया जाएगा और इसके सदस्य पूरी न्यायिक प्रक्रिया का संचालन होगा। अमृतपाल के अलावा, वारिस पंजाब दे के नौ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर 19 मार्च को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया था। अमृतपाल और उसके सहयोगियों पर समाज में वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और सरकारी अधिकारियों के कार्य में बाधा पैदा करने से संबंधित कई आपराधिक मामलों के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक अन्य वकील सिमरनजीत सिंह ने भी सियालका और परिवार के सदस्यों के साथ डिब्रूगढ़ की यात्रा की। एक अधिकारी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों के परिवार के एक सदस्य को उनसे मिलने की अनुमति देने के बाद ये सभी लोग डिब्रूगढ़ गए। सिमरनजीत सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है, उन सभी के खिलाफ समान आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, गिरफ्तार किए गए लोगों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। यह निश्चित रूप से एक साजिश है, क्योंकि उन पर एनएसए के तहत मामला दर्ज करने का कोई कारण नहीं है। अमृतपाल नशे के खिलाफ अभियान चला रहा था और सिख धर्म के सिद्धांतों का प्रचार करने में भी लगा हुआ था। हमने उसके खिलाफ एनएसए के तहत आरोपों को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट में अपील की है और सुनवाई की अगली तारीख 1 मई तय की गई है।