रमन सिंह ने मोदी सरकार को लिखे पत्रों में रद्द ट्रेन शुरू करने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग क्यों नहीं की – धनंजय सिंह

रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के केंद्र को लिखे पत्रों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सरकार अपनी गिरती राजनैतिक साख बचाने केंद्र को पत्र लिखने का नया ड्रामा शुरू किये है। प्रदेश में एक दर्जन से भी अधिक मौके आये जब रमन सिंह को केंद्र को पत्र लिखना था तब नहीं लिखे, अब पत्र लिखकर खानापूर्ति कर रहे है। जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तब महार जाति की आरक्षण की चिंता करते तब महार समाज को 15 साल पहले आरक्षण का लाभ मिल जाता लेकिन उस दौरान रमन भाजपा की सरकार अनुसूचित जाति के आरक्षण में कटौती करने का महापाप किये। अनुसूचित जाति में महार समाज को शामिल कराने की चिंता नहीं की। अब सत्ता जाने के बाद चुनाव नजदीक आते ही महार जाति की चिंता रमन सिंह का राजनीतिक चिंता है। रमन सिंह को पहले महार समाज से माफी मांगना चाहिए। कांग्रेस महार समाज को उनका हक दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि डॉ रमन सिंह को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने केंद्र सरकार को दो पत्र लिखे है उस पत्र में आम जनता की मूल समस्याओं का उल्लेख क्यों नहीं किया है? महार जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने के साथ आरक्षण के लिए तय 50 प्रतिशत सीमा को हटाने की मांग क्यों नहीं किये? बीते कई महीनों से ट्रेन रद्द होने से पूरे प्रदेश की जनता हताश और परेशान हैं? राजभवन में अटके 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक पर केंद्र से हस्तक्षेप की मांग क्यों नहीं किये? बस्तर के लिये हवाई जहाज की मांग करने वाले डॉ रमन सिंह को प्रदेश में रद्द हुये ट्रेन को सुचारू रूप से चलाने की भी मांग करनी थी। केंद्र के पास राज्य की रुकी बकाया राशि को देने की मांग क्यों नहीं की? यहाँ के उद्योग को कोयला आपूर्ति करने का जिक्र क्यों नहीं की?

 

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