लंदन। एक हेल्थ इंटेलिजेंस फर्म द्वारा किए गए अध्ययन में दावा किया गया है कि एक और कोविड-19 जैसी महामारी अगले एक दशक में दुनिया में दस्तक दे सकती है। ताजा अध्ययन में कहा गया है कि पहले के मुकाबले अब वायरस एक तेजी से उभरकर सामने आ रहे हैं। लंदन स्थित एयरफिनिटी लिमिटेड के एक अध्ययन के अनुसार, ‘27.5 प्रतिशत संभावना है कि अगले 10 साल में एक और घातक वायरस दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है।इसने जलवायु परिवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में बढ़ोती, बढ़ती आबादी और लगातार जानवरों से इंसानों में फैलने वाले बीमारियों के खतरे को लगातार वायरस आउटब्रेक का जिम्मेदार माना गया है। हालांकि, स्टडी में बताया गया है कि वैक्सीन रोलआउट और महामारी की तैयारी घातक घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। फर्म ने अपने अध्ययन में पाया कि अगर नए पैथोजन की खोज के 100 दिनों के भीतर टीके को रोल आउट किया जाता है, तो घातक महामारी की संभावना 27.5 प्रतिशत से घटकर 8.1 प्रतिशत हो सकती है।जानकारी के अनुसार एयरफिनिटी ने अपने एक रीलिज में कहा है कि यह नए रिस्क एसिसमेंट से अलग-अलग भविष्य की महामारियों की संभावना को आउटलाइन किया गया है। फर्म ने कहा कि हमारे मॉडलिंग से पता चलता है कि अगले 10 सालों में कोविड-19 के रूप में घातक महामारी का जोखिम ऐसे सही रोकथाम के साथ 71 प्रतिशत कम है। उनका कहना है कि जीका, एमईआरएस और मारबर्ग वायरस सहित हाई रिस्क वाले पैथोजन से लड़ने के लिए कोई अप्रूव्ड टीका या उपचार नहीं हैं। मौजूदा निगरानी नीतियों से नई महामारी का पता लगाने की संभावना कम है।उनका कहना है कि आने वाले जोखिम से लड़ने के लिए एक नए डाटा ड्रिवन पेंडेमिक मेजर्स की जरूरत है।इस स्टडी में एच5एन1 बर्ड फ्लू स्ट्रेन के संभावित तेजी से फैलने की ओर भी इशारा किया गया है। स्टडी यह दर्शाती है कि सबसे खराब स्थिति में एक एवियन फ्लू जो इंसान से इंसान में फैलता है, एक ही दिन में 15000 से अधिक लोगों को मार सकता है।