रायपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के द्वारा मुख्यमंत्री के पत्र के जवाब में पत्र लिखने को हास्यापद बताते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और उनके 9 सांसदों को साहस दिखाना चाहिए और निडरता से छत्तीसगढ़ की जनता की हक की आवाज को मोदी के सामने खड़े होकर रखना चाहिये। प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की बात कहकर अखबारों में सुर्खियां बटोरने वाले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, मुख्यमंत्री के लिखे पत्र का जवाब प्रधानमंत्री से मांगने के बजाय पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल पूछ रहे हैं? इससे समझ में आता है कि नारायण चंदेल और भाजपा के 9 सांसदो की गाल छत्तीसगढ़ सीमा के भीतर बजती है और दिल्ली में इनके कंठ से आवाज नही निकलती इनका गला सुख जाता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल जब भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करें छत्तीसगढ़ प्रदेश की प्रतिनिधि होने का दायित्व निर्वहन करें। मोदी सरकार के द्वारा जो प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जो भेदभाव किया जा रहा है उसका वह खुलकर वहां विरोध करें।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्य के एक वर्ष के कुल बजट का आधे से अधिक रूपया विभिन्न मदों में रोक कर रखा है। बार-बार मांगने के बाद भी केंद्र, छत्तीसगढ़ के हक का पैसा नहीं दे रहा जिससे राज्य की योजनायें और विकास प्रभावित हो रहा है। राज्य की केंद्र से कुल लेनदारी-राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति का पैसा 14,000 करोड़ रू. लेना। कोयले की रायल्टी का अतिरिक्त लेबी का 4,140 करोड़। सेंट्रल एक्साईज के 13,000 करोड़ रू.। कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम के 17,000 करोड़ से अधिक राशि को राज्य को वापस करे। प्रधानमंत्री शहरी आवास का 1500 करोड़ की दो किश्ते बकाया-3000 करोड़। खाद सब्सिडी का 3631 करोड़ रू.। मनरेगा का भुगतान-9,000 करोड़। मनरेगा तकनीकी सहायता का लंबित-350 करोड़। कुल 44121 करोड़। सीआरपीएफ बटालियन खर्च के नाम पर राज्य का 11,000 करोड़ रू. काट दिया। कुल-55,121 करोड़ रू. लेनदारी है। यदि नारायण चंदेल में साहस हो तो वे छत्तीसगढ़ के हित में इस राशि को केंद्र से दिलवाने के लिये ईमानदार पहल करें।