36000 करोड़ का नान घोटाला रमन के बयानों से छुपने वाला नहीं
रायपुर। भाजपा शासनकाल में हुये हजारों करोड़ों के नान घोटोले की जांच के लिये ईडी द्वारा वर्ष 2019 में प्रकरण दर्ज किया गया था। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह बताये कि उनसे ईडी ने कब पूछताछ किया था? रमन मुख्यमंत्री थे उनके कार्यकाल में 36000 करोड़ का नान घोटाला हुआ यदि ईडी इसकी जांच कर रही हो इससे संबंधित सवाल जवाब तो उनसे भी होना चाहिये। क्यों नही हुआ? हुआ तो कब हुआ? छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ कार्यवाही के लिये नया रिकार्ड बनाने वाली ईडी की कार्यवाही नान घोटाले में सुस्त क्यों है? जांच हो रही और घोटाले के सूत्र धारों से पूछताछ नहीं कोई सम्मन क्यों नही आखिर किसको बचाने जांच की मात्र खानापूर्ति हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन के मुख्यमंत्री रहते 36000 करोड़ का नान घोटाला हुआ था। नान घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके परिजनों के संलिप्त होने के प्रमाण नान डायरी में आये। जिसमें सीएम मैडम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम, सीएम सर सहित दर्जनों ऐसी प्रविष्टियां मिली थी। जिसका इशारा सीधे तत्कालीन सत्ता के केन्द्र की ओर जाता था। रमन सिंह बताते क्यों नहीं कि नान डायरी वाली सीएम मैडम कौन है? जिनके नाम से करोड़ो रू. की इंन्ट्री नान डायरी में है। नान घोटाला छत्तीसगढ़ के गरीबो के चावल में प्रभावशाली लोगो द्वारा की गयी डकैती थी। इसके गुनाहगारों के नाम सामने आने ही चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा और रमन सिंह नान घोटाले की जांच रोकना चाहते है इसीलिये तो कांग्रेस सरकार बनने के बाद जब नान घोटाले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक हाईकोर्ट में पीआईएल लगाकर स्टे लेकर आ गये। किसको बचाने के लिये कौशिक ने एसआईटी पर रोक लगाने स्टे लिया था?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नान के साथ चिटफंड मामले की जांच भी ईडी से होना चाहिये। रमन सिंह इसमें क्यों चुप है? इन दोनो ही घोटालो साथ में पनामा पेपर वाले अभिषाक सिंह की जांच की मांग ईडी से कब करेंगे? इन मामलो में सीधे मनी लांड्रिग और पैसे का नगद लेन देन हुआ है। इसकी जांच छत्तीसगढ़ की जनता चाहती है।