0 स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य,जमकर हंगामा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कर्मचारी हड़ताल के मुद्दे पर भाजपा का स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य किए जाने पर विपक्ष ने भारी हंगामा मचाया। भाजपा के सदस्य कर्मचारी हड़ताल पर स्थगन प्रस्ताव ग्राह्य कर इस पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे लेकिन आसंदी पर विराजमान विधानसभा उपाध्यक्ष ने व्यवस्था दी की पहले से व्यवस्था है कि बजट सत्र में स्थगन प्रस्ताव ग्राह्य कर चर्चा नहीं की जा सकती इसलिए यह स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य किया जा रहा है।
स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य होने पर भाजपा सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की। इसके पूर्व स्थगन प्रस्ताव मंजूर किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर सहित अन्य भाजपा सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव ग्राह्य कर चर्चा कराने की मांग की। भाजपा सदस्यों ने कहा कि 5 लाख से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। आंगनबाड़ी से लेकर रसोइया, अनियमित कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगी आंदोलन कर रहे हैं और यहां तक कि इस सरकार में अधिकारियों तक को सड़क पर उतरना पड़ा। इन आंदोलनों की वजह कांग्रेसका जन घोषणापत्र है। जिसे सरकार ने अंगीकार किया है।
भाजपा सदस्यों ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जनता परेशान है। पूरे प्रदेश में कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। जनता दूरदराज से आकर सरकारी दफ्तरों से खाली हाथ वापस लौट रही है। कोई काम नहीं हो रहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं, रसोईया हड़ताल पर हैं, छोटे-छोटे बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा।इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। नियमितीकरण के मामले में सरकार की स्पीड यह है कि अभिमत में 4 साल लग गए। यह सरकार इतनी तेज दौड़ रही है कि 4 साल में वेरिफिकेशन नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री खुद बता रहे हैं कि 38 विभागों ने जानकारी नहीं भेजी।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कर्मचारी आंदोलन पर हमारे स्थगन प्रस्ताव को ग्राह्य किया जाए और इस पर चर्चा कराई जाए। यह बहुत महत्वपूर्ण है। सरकार संवेदनहीनता दिखा रही है। विधवाएं 4 माह से अनुकंपा नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रही हैं। मुंडन करा रही हैं और यह सरकार उनकी सुनने के लिए तैयार नहीं है।