रायपुर। कांग्रेस के अधिवेशन की ऐतिहासिक सफलता के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रायपुर का यह 85वां अधिवेशन देश की राजनीति को नई दिशा देगा। इस अधिवेशन के पारित प्रस्ताव भविष्य में सशक्त भारत के निर्माण का मजबूत आधार बनेंगे। कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरूणाचल प्रदेश तक देश के कोने से यहां प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही। इस सम्मेलन में सोनिया गांधी जी का बहुत प्रेरक संबोधन, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी के साथ वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने जमीनी र्काय़कर्ताओं में एक नयी उमंग पैदा कर दी है। 138 सालों के कांग्रेस के इतिहास में अब तक 85 महाधिवेशन हुए, और उन सबमें देश की दिशा को बदलने वाले फैसले हुए। जनता के सरोकारों से जुड़ी देश की जितनी महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, उनमें कई ऐसी हैं, जिनके मूल विचार हमारे अधिवेशनों में आए। यहां तक कि भारत के संविधान में शामिल मूल अधिकार का विचार भी हमारे 1931 के कराची अधिवेशन में आया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रायपुर अधिवेशन में राजनैतिक, आर्थिक, कृषि सामाजिक न्याय और युवा सशक्तिकरण, शिक्षा, रोजगार एवं विदेश नीति जैसे विषयो पर विमर्श हुआ। कांग्रेस ने सामाजिक न्याय की शुरूआत अपने अंदर से करना शुरू किया। पार्टी ने सर्वोच्च ईकाई सीडब्लूसी के स्वरूप में परिवर्तन का प्रस्ताव पारित किया। महाधिवेशन में संविधान संशोधन करके सीडब्लूसी सदस्यों की संख्या 25 से बढ़ा कर 35 करने का फैसला हुआ है। हमारी सीडब्लूसी में 50 प्रतिशत जगह एससी, एसटी, ओबीसी, महिला और युवाओं को देने का ऐतिहासिक निर्णय हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अधिवेशन में कांग्रेस ने संकल्प लिया कि बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ अपनी मुहिम को लगातार अपने एजेंडे में रखना है और नफरत फैलाने वाली विचारधारा के खिलाफ मजबूती से मुकाबला करना है। देश में जिस चिंताजनक स्तर पर गैर बराबरी बढ़ रही है, उसका बहुत खतरनाक संकेत मिल रहा है। अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि गरीब और गरीब। गांव और शहर के बीच खाई गहरी हो रही है, तनाव बढ़ रहा है। गरीबों के साथ खडे रहना है, किसानों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, नौजवानों और महिलाओं के मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहना है।