0 पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने शराब से हो रही मौतों पर उठाया सवाल
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि शांति का टापू छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ, चाकूपुर एवं आतंकगढ के नाम से प्रचलित हो चुका है। आम आदमी भयभीत है, आम लोगों से लेकर व्यापारी व नेता तक की हत्या करके अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। प्रदेश में अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। नशाखोरी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। शराब, जुआ, सट्टा कांग्रेस सरकार की शह और पुलिस प्रशासन के संरक्षण में चल रहा है। नशाखोरी बढ़ती है तो अपराध बढ़ते हैं लेकिन कांग्रेस में अपराध रोकने वाला कोई नहीं, कांग्रेस सरकार में किसी को अपराध पर लगाम लगाने से कोई मतलब नहीं। सरकार केवल नशे के अवैध कारोबार को बढ़ावा देकर प्रदेश में भय और आतंक का माहौल पैदा कर रही है। जिससे अपराध लगतार बढ़ता जा रहा है। जिस अमानवीय तरिके से बस्तर जिले में सरेआम दर्दनाक हत्याएं हुई हैं, उससे स्पष्ट है कि छत्तीसगढ प्रदेश में अब आपसी मेल-जोल रहा ही नहीं है, प्रदेश मे अब कोई आम आदमी किसी अनजान से बात नहीं कर सकता। नशे का कारोबार चारों ओर फैला हुआ है। सट्टा-जुआ पुलिस की कमाई का जरिया बना हुआ। शराब पीने से होनें वाले मौतों के मामले में छत्तीसगढ़ चौथें स्थान पर है। आखिर प्रदेश को किसकी नजर लग गयी है? प्रदेश की पुलिस प्रदेश सरकार के खौफ के कारण एक तरह से मानो हथियार डाल चुकी है। इसी कारण प्रदेश में लगातार अपराध की घटनाएं हो रही हैं। कहीं शराब के नशे में ईट भट्ठे पर सो जाने से मौत हो रही है तो कहीं शराब के नशे में आपसी विवाद के कारण हत्या हो रही है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हर संभाग के हर जिलों में अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस पर अंकुश लगाने की पहल नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस को बेहतर पुलिसिंग के लिए लगातार सम्मानित किया जा रहा है। संस्थाओं को एक बार छत्तीसगढ़ में हो रहे अपराधों के जमीनी हालात का अध्ययन जरूर करना चाहिए। शराब से हो रही मौत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आखिर कब रुकेगी जहरीली शराब से मौतें, कब होगा शराबबंदी का वादा पूरा? इसका उत्तर छत्तीसगढ़ की जनता अभी तक ढूंढ रही है।