0 जेपी नड्डा के दौरा के बाद आदिवासी वर्ग की राज्यपाल को हटाया जाना भाजपा का आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण
0 अनुसुइया उइके जी 76% आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करना चाहती थी भाजपा रोक रही थी
रायपुर। कांग्रेस ने नवनियुक्त राज्यपाल का स्वागत किया है। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा राज्यपाल नियुक्त करना केंद्र का विशेषाधिकार है। वह जिसे चाहे बनाये या तबादला करे।नए राज्यपाल से प्रदेश की जनता को अनेक अपेक्षाएं है ।राजभवन राज्य का निष्पक्ष अभिवावक हो बेहतर सामंजस्य हो ताकि राज्य का भला हो।
राज्यपाल बदले जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अनुसुइया उइके जी आदिवासी वर्ग की महिला थी इसलिए जेपी नड्डा के बस्तर दौरा के बाद उन्हें बदल दिया गया। विश्व आदिवासी दिवस के दिन भाजपा ने आदिवासी वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष को भी बदला था। राज्यपाल महोदय जी 76% आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करना चाहती थी लेकिन भाजपा के द्वारा उन्हें हस्ताक्षर करने से रोका गया। आदिवासियों के हित में काम करने की सोच रखने वाली राज्यपाल को बदल दिया गया। भाजपा लगातार आदिवासियों के खिलाफ काम कर रही है 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल के दौरान भी आदिवासी वर्ग के ऊपर अत्याचार हुआ उनका शोषण किया गया उनको डराया धमकाया गया उनके कानूनी अधिकारों का हनन किया गया निर्दोष आदिवासियों को जेल में बंद किया गया उनके जल जंगल जमीन पर कब्जा किया गया था। फिर एक आदिवासी महिला को राज्य से विदा किया गया क्योंकि वह आदिवासी हितों के लिए कुछ करना चाह रही थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नवनियुक्त राज्यपाल का छत्तीसगढ़ में स्वागत है अभिनंदन है हमें पूरा उम्मीद है वह दलगत भावना से ऊपर उठकर राज्य की जनता के हित में फैसला लेंगे राज्य सरकार के द्वारा जनहित में पारित तमाम बिल जो राजभवन में अटके हुए हैं उन सब पर हस्ताक्षर करेंगे उनका पहला हस्ताक्षर 76% आरक्षण विधेयक पर होगा ऐसी अपेक्षा है। नवनियुक्त राज्यपाल महोदय अपने संवैधानिक अधिकारों से राज्य की जनता का भला करेंगे ऐसी अपेक्षा है।