न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि मोदी सरकार में ज्यादा हुई – द्विवेदी

0 मुख्यमंत्री का धान खरीदी पर दिया गया बयान भ्रामक

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने एक बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी पर जो बयान दिया है, वह बिल्कुल भ्रामक है। धान खरीदी को लेकर उनका कहना है कि 2004- 05 से लेकर 2013-14 तक 9 वर्षों में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय में धान खरीदी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में जो वृध्दि की गई वह 134 प्रतिशत की वृद्धि थी जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय में 09 वर्षों में जो वृद्धि की गई ,वह मात्र 55 प्रतिशत है, यह आंकड़ा बिल्कुल निराधार और भ्रामक है । द्विवेदी ने मुख्यमंत्री के बयान को निराधार बताते हुए कहा कि 2004-5 से 2013-14 तक 09 वर्ष नहीं बल्कि 10 वर्ष होता है। इन 10 वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य में 750 रुपये की वृद्धि की गई थी। यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण की बात करें तो केंद्र में कांग्रेस की सत्ता आने पर 2004-05 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 560 रुपये प्रति क्विंटल किया गया और 2012-13 में बढ़कर 1080 रुपये हो गया। इस प्रकार 09 वर्षों में केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा मात्र 520 रुपये की वृद्धि की गई थी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 09 वर्षों के कार्यकाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक 730 रुपये की वृद्धि की गई। श्री द्विवेदी ने कहा कि भाजपा की सरकार केंद्र में आते ही 2014-15 में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करते हुए 1310 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया और कार्यकाल के 09 वर्ष में 2022 -23 में धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि करते हुए 2040 रुपये निर्धारित कर दिया गया। इस प्रकार कांग्रेस के 09 वर्ष के शासन काल में मात्र 520 रुपये की वृद्धि हुई थी और भाजपा के 09 वर्ष के शासनकाल में 730 रुपये की वृद्धि हुई है। अतः स्पष्ट है कि केंद्र की मोदी सरकार किसान हितेषी है। बल्कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसान विरोधी है। जो किसानों के साथ कहीं वर्मी कंपोस्ट के नाम पर , कहीं गिरदावली के नाम पर छल कर रही है। किसानों का शोषण कर रही है।

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