रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा इस वर्ष के बजट को प्रस्तुत करने को लेकर दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों में बहुत उत्सुकता है जिसको देखते हुए कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के सुझाव पर देश भर के व्यापारी संगठन बजट के दिन 1 फ़रवरी को देश के सभी राज्यों के प्रमुख शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी स्क्रीन लगा कर बजट को लाइव देखे जाने की व्यवस्था कर रहे हैं। दिल्ली सहित देश भर में यह आयोजन एक हज़ार से अधिक स्थानों पर एक साथ होगा।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया की राजधानी दिल्ली में यह कार्यक्रम दिल्ली के प्रसिद्ध बाज़ार ख़ान मार्केट की एसोसिएशन ख़ान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के सहयोग से ख़ान मार्केट में किया जा रहा है जहां एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगा कर केंद्रीय बजट का सीधा प्रसारण किया जाएगा। कैट ने बजट को देखने के लिए दिल्ली के सभी प्रमुख व्यापारी संगठनों के शीर्ष नेताओं, पत्रकारों, रिटेल एक्सपर्ट, अर्थ विशेषज्ञ, चार्टर्ड अकाउंटेंट, लघु उद्योग, ट्रांसपोर्ट, किसान, महिला उद्यमी, स्टार्ट अप, उपभोक्ता आदि संगठनों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। कैट इस कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की बजट के तुरंत बाद विभिन्न वर्गों के लोग देश भर में उसी स्थल पर बजट की समीक्षा करेंगे और अपनी राय ज़ाहिर करेंगे।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की इस वर्ष के बजट से व्यापारी वर्ग को बहुत आशाएँ हैं । जहां विभिन्न बस्तियों में जीएसटी की दरों में कमी की उम्मीद की जा रही हैं वहीं दूसरी ओर वन नेशन – वन टैक्स की तर्ज़ पर वन नेशन – वन लाइसेंस की घोषणा किए जाने की उम्मीद हैं। उन्होंने यह भी कहा की व्यापार पर लगे सभी क़ानून की समीक्षा किए जाने तथा डिजिटल व्यवस्था को अपनाने पर इंसेंटिव दिए जाने की भी उम्मीद की जा रही है वहीं आय कर में टैक्स स्लैब की दरों को भी कम किए जाने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा की व्यापारियों एवं एमएसएमई क्षेत्र के लिए कुछ विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ घोषित होने की भी बड़ी संभावना है। उन्होंने यह भी कहा की ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार के ज़रिए किस प्रकार रोज़गार को बढ़ावा मिले, इस पर भी बजट में कोई नीति की घोषणा किए जाने की बड़ी उम्मीद है।
कैट का 18 सूत्रीय बजट माँग पत्र
1. जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा।
2. आयकर की कर दरों में कमी करने की घोषणा।
3. रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानूनों और नियमों की पूर्ण समीक्षा।
4. एक राष्ट्र -एक कर की तर्ज़ पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति।
5. व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना।
6. उत्तर प्रदेश राज्य की तर्ज़ पर व्यापारियों के लिए बीमा योजना।
7. छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड।
8. बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को आसानी से क़र्ज़ देना।
9. नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनीज एवं माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन्स द्वारा व्यापारियों को क़र्ज़ दिलाने के लिए सक्षम बनाना।
10. व्यापारियों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन।
11. स्पेशल इकनोमिक जोन की तर्ज़ पर गाँवों के निकट स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की घोषणा।
12. आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन।
13. व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा।
14. उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करना।
15. ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा।
16. ई-कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन की घोषणा।
17. रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा।
18. केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणा।