(सत्यप्रकाश दुबे)
रायपुर। छत्तीसगढ़ में गणतंत्र दिवस के मुख्य आयोजन में भाग लेने वाले 600 जवानों का कोरोना टेस्ट जरूरी समझा गया और किश्तों में सभी की जांच हुई, यह सतर्कता स्वागत योग्य है। लेकिन भारत – न्यूजीलैंड के बीच एक दिवसीय क्रिकेट मैच के लिए करीब 60 हजार लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। 600 जवानों की सघन जांच तो किश्तों में संभव हो गई किंतु 60 हजार लोगों की एक साथ एक ही समय सघन जांच कैसे संभव है और एहतियात के तौर पर जांच की जो औपचारिकता की गई, वह कितनी भरोसेमंद हो सकती है, यह सवाल 21 जनवरी को रायपुर के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के मैच को लेकर पहले से ही उठ रहा था और आज मैच में उमड़ी दर्शकों की भारी भीड़ को देखते हुए यथावत है। आशंका जताई जा रही है कि आज के इस विशालतम आयोजन के बाद राजधानी सहित छत्तीसगढ़ में क्या प्रभाव पड़ सकता है। क्या कोरोना को न्यौता दिया गया है और इस आयोजन के बाद कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं?
एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड एवं छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने किया। आज यह मैच दोपहर डेढ़ बजे से शुरू हुआ। जिसके लिए क्रिकेट प्रेमियों की भीड़ कई घंटे पहले से ही स्टेडियम का रुख कर चुकी थी। मैच में उम्मीद से अधिक उत्साह लोगों में नजर आया। टिकटों की भारी कालाबाजारी हुई। कई टिकट ब्लैक करने वाले दबोचे गए। रायपुर पुलिस ने अपने हिस्से की जिम्मेदारी सलीके से निभाई लेकिन इस मैच के लिए दर्शकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के मामले में कितनी संवेदनशीलता सामने आई, यह चर्चा का विषय है।
जहां एक तरफ कोरोना को लेकर 26 जनवरी को पुलिस परेड ग्राउण्ड में होने वाली परेड में शामिल होने वाले 600 जवानों की कोरोना जांच हुई तो वहीं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 60 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच किस तरह से हुई, यह सोचने का विषय है।
पूर्व में कोविड संक्रमण ने विदेशों से ही भारत में प्रवेश किया था। छत्तीसगढ़ में भी कोरोना का भारी फैलाव बाहरी लोगों के आने से ही हुआ। अब इस बड़े आयोजन में भी बाहरी लोगों की आमद स्वाभाविक है। रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजन के बाद एक बार कटु अनुभव हो चुका है। अब यही दुआ की जा रही है कि क्रिकेट के दीवानों पर ऊपर वाले की कृपा बनी रहे।