0 चौपाटी हटाओ आंदोलन का नौवां दिन, दिल्ली से लौटे मूणत धरने में शामिल
रायपुर। चौपाटी हटाओ की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आज नौवे दिन भी बदस्तूर जारी है। चौपाटी हटाने की मांग को लेकर 28 लोगों का दल केंद्रीय शहरी आवास मंत्री हरदीप पुरी से मिलकर छत्तीसगढ़ वापस आ गया है पूर्व मंत्री राजेश मूणत के नेतृत्व में दिल्ली गए दल में सांसद सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय, शहर जिला भाजपा अध्यक्ष जयंती भाई पटेल, निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे सहित रायपुर नगर निगम के अन्य भाजपा पार्षद शामिल थे।
राजेश मूणत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने केंद्रीय मंत्री और स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर जितेंद्र मेहन से मुलाकात की। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि सभी नियमों सहित टैक्निकल ऑडिट भी किया जाएगा। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो दोषियों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार राजधनी के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये का आबंटन स्मार्टसिटी विभाग से किया गया है लेकिन नगरनिगम अधिकारी और महापौर जन सुविधा हेतु आबंटित पैसों की बंदर बाँट कर रहे हैं। बंदर बाँट इसलिए क्योकि बताया कुछ और किया कुछ। बताया जा रहा है कि 1000 करोड़ में से 200 करोड़ रायपुर के ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए खर्च किया गया। मगर धरताल पर काम दिखता नही। यदि हमने अपने शासनकाल में एक्सप्रेसवे और केनाल लिंकिंग जैसी भविष्य उपयोगी सड़क संचार नही स्थापित किए होते तो आज शहर में ट्रैफिक की क्या स्थिति होती, यह किसी से छुपा नही है। कोई बताए 1000 करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर इस शहर में कहाँ दिखता है। 1000 करोड़ में ऐसा कौन सा कार्य किया जो चर्चा का विषय नही बना और जनसुविधा के लिए उपयोगी हो। मात्र सड़क और चौराहों में लाइटें लगाई वो भी बन्द पड़ी है। मैंने पहले भी कहा कि आर्किटेक्ट के पत्र को आधार बनाकर ऊपर पूरी कहानी निर्मित की जा रही है। यूथ हब बनाएंगे कहकर वीडियो जारी करने वाले महापौर के वीडियो में गुमठीयाँ नही दिखती मगर वास्तविकता में तो यहाँ 69 गुमठियाँ स्थापित की गई है। अधिकारियों ने भी कहा कि हमने इतनी गंभीरता से लड़ते 10 वर्षों में किसी जनप्रतिनिधियों को अब तक नही देखा। हमने अपनी बात दस्तवेज सहित स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर सांसद सुनील सोनी और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय की उपस्थिति में अपनी बातें रखी।
चौपाटी निर्माण और सौंदर्यीकरण के नाम पर बूढ़ातालाब का उदाहरण हमारे सामने है। क्या दुर्गति कर दी गई। बूढ़ातालाब क्षेत्र का 9 करोड़ का फव्वारा एक बार बन्द हुआ तो आज तक चालू नही हुआ। 4 साल सत्ता के हो गए और 3 वर्ष महापौर के, पर कोई यह बताए कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कौन सा कार्य किया गया है। 18 करोड़ का टैंडर निकाला। कहते हैं आदेश 2018 का है मगर सबूत के तौर पर मात्र एक प्रस्ताव पत्र के आधार पर आरोप प्रत्यारोप हमने यदि पारित किया तो स्थल निरीक्षण करते कोई तस्वीर वीडियो या आदेश पारित करने की कॉपी कुछ तो सामने लाएं कांग्रेसियो को चौपाटियाँ बनाने का इतना ही शौक है तो कांग्रेस कार्यालय को चौपाटी बना दें।लेकिन हम एजुकेशन हब में चौपाटी नही बनने देंगे यह हमारा संकल्प है।