0 पहले बिजली पोलों को अंदर कर खड़ा किया स्ट्रक्चर, अब कर रहे हैं पोल शिफ्टिंग की मांग
0 नगरनार में बाजार सौंदर्यीकरण के नाम पर नया कारनामा
(अर्जुन झा)
नगरनार। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग ने नगरनार में अजब गजब खेल किया है। पहले विद्युत कंपनी की हाई टेंशन लाइन के पोलों के बीच दुकानों का ढांचा खड़ा करवा दिया और अब विभाग के अधिकारी पोल शिफ्टिंग की मांग कर रहे हैं। विभाग की इस कारगुजारी को देख कर ग्रामीण भी हैरान हैं।
बस्तर की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत नगरनार में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग ने ऐसा गुल खिलाया है, जिसे देख ग्रामीण भौचक्क हैं। नगरनार इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने सामुदायिक विकास मद से नगरनार के बाजार स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए ग्राम पंचायत नगरनार को कई करोड़ रुपये दिए थे। इस राशि से बाजार में करीब 25 दुकानें, शेड, प्लेटफार्म, नाली निर्माण, परिसर का सीमेंटीकरण आदि कार्य कराने थे। नाली, दुकान व शेड निर्माण की जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को दी गई थी। विभाग ने काम एक ठेकेदार को सौंप दिया। कहने को तो इस विभाग में जानकार इंजीनियर पदस्थ हैं, लेकिन ऐसा गुल खिलाया गया है कि नगरनार के अनपढ़ और कम पढ़े लिखे ग्रामीण भी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग ( आरईएस ) के काम को देख विभाग के होशियारों की खिल्ली उड़ाने लगे हैं। दरअसल इस विभाग ने काम ही ऐसा किया है कि काबिल यांत्रिक लोगों की हंसी के पात्र बन रहे हैं। ऊपर से विभाग के कार्यपालन यंत्री की दलील है कि विभाग के सब इंजीनियर और एसडीओ ने निर्माण के लिए तैयार किए गए ले आउट की जानकारी उन्हें नहीं दी थी, वरना ऐसी गलती नहीं होती। आरईएस ने बाजार स्थल पर दुकानों के निर्माण के लिए बिजली पोलों के चारों ओर ढांचा खड़ा कर दिया। दुकानें लगभग आधी बनकर तैयार हो चुकी हैं। दीवारें खड़ी हो चुकी हैं। बिजली पोल दुकान के बीचोंबीच खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं निर्माणाधीन दुकानों के ऊपर से हाइटेंशन लाइन के तार भी गुजरे हुए हैं। इन तारों पर हर समय तेज करंट प्रवाहित होता रहता है। आरईएस के अधिकारियों और ठेकेदार ने इन बिंदुओं को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए 25 दुकानों का निर्माण शुरू करा दिया। अभी दुकानों की छत ढलाई, प्लास्टर और दुकानों की भूतल वाली सतह के भराव एवं सीमेंट, बजरी, गिट्टी डालकर कांक्रीटिंग करने का काम बाकी है। ज्यादातर काम हो जाने के बावजूद विभागीय अधिकारी नींद से नहीं जागे। उनकी नींद तब टूटी, जब ग्रामीणों ने आवाज उठानी शुरू की। अधिकारी अब यह दलील देने लगे हैं कि समय रहते सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा। विद्युत कंपनी से पोल और तारों की शिफ्टिंग के लिए पत्र व्यवहार किया जा रहा है। वहीं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री से जब यह पूछा गया कि ले आउट जारी करते समय बिजली खंभा और तारों का ध्यान क्यों नहीं रखा गया तो उनका कहना था कि विभाग के सब इंजीनियर और एसडीओ की देखरेख में काम हुआ है, ले आउट भी उन्होंने ही जारी किया था। जब उनसे यह पूछा गया कि एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते क्या आपने उन्हें सुपरविजन नहीं दिया, इसका वे कोई जवाब नहीं दे पाए। लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी काम पूरा न होने से ग्रामीणों में आक्रोश है।
नहीं लगा पाए शेड भी
बाजार स्थल पर शेड वाली दुकानें भी बनाई जानी थीं, लेकिन शेड के नाम पर महज लोहे की रॉड और पाइप लगाकर ढांचा भर खड़ा कर दिया गया है। लंबे समय से उन पर शेड नहीं लगाया जा सका है। लोहे की रॉड और पाइप जंग लगकर सड़ने लगे हैं। इससे नगरनार इस्पात संयंत्र प्रबंधन के धन का अपव्यय और दुरुपयोग ही हो रहा है।
नाली निर्माण भी बेतरतीब
नगरनार के बाजार स्थल पर दुकानों से निकलने वाले वेस्टेज, गंदे पानी और बरसाती पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण भी बड़े ही बेतरतीब ढंग से कराया गया है। नालियों का निर्माण कराते समय चढ़ाव और ढलान का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया। इस वजह से गंदगी और पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। नालियों में कचरा फंसा पड़ा है। कचरा आगे बह नहीं पा रहा है। इसे लेकर भी नगरनार के ग्रामीण विरोध दर्ज करा चुके हैं।
गुल खिला रही है ये तिकड़ी
बाजार के विभिन्न भागों में सीमेंट, कांक्रीट की छत वाली तथा शेड वाली दुकानों, नालियों, प्लेटफार्म के निर्माण तथा परिसर के सीमेंटीकरण में जमकर अनियमितता बरती जाने की शिकायत आम है। कहा जा रहा है कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अफसर, जनप्रतिनिधि व ठेकेदार की तिकड़ी मिलकर इन कार्यों में धन की बंदरबांट का गुल खिला रही है। ठेकेदार अपनी मनमर्जी से काम करा रहा है। सरपंच ठेकेदार के हिमायती बनकर सब कुछ देखते हुए भी खामोश हैं। वहीं आरईएस के अधिकारियों ने ठेकेदार को खुली छूट दे रखी है। निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग हुआ है और अभी भी हो रहा है। नगरनार इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ओर से सामुदायिक विकास के नाम पर दी गई रकम की बंदरबांट करने में यह तिकड़ी लगी हुई है।
कर रहे हैं पोल शिफ्टिंग की पहल
ले आउट सब इंजीनियर और एसडीओ ने तैयार किया था, इस बारे में मुझे अवगत नहीं कराया गया, दुकानें बनाने में लापरवाही हुई है। पोल शिफ्टिंग के लिए पहल की जा रही है।
–डीपी देवांगन
कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग बस्तर