कर्मचारियों के नियमितीकरण मुद्दे पर सदन गरमाया, जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया बहिर्गमन

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को सदन अनियमित, संविदा कर्मी और दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण के मुद्दे पर दिनभर गरमाया रहा। इस बीच विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा विधायक विद्या रतन भसीन के द्वारा अनियमित, संविदा कर्मी और दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण संबंधी पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में अब तक 20 हजार 291 को विभिन्न श्रेणियों में नियुक्ति दी गई है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि नियमितीकरण के लिए  गठित कमेटी की तीन वर्ष में केवल एक बार बैठक हुई है। सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है और 3 साल बाद भी प्रक्रिया आधी अधूरी है। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 9 जरवरी 2020 को कमेटी की बैठक हुई थी। बैठक में तीन बिंदुओं पर सहमति बनी थी। कमेटी के हिसाब से विधि विभाग से अभिमत मांगा गया है। 33 विभागों से जानकारी आ गयी है बाकी विभागों से जानकारी आना बाकी है। प्रक्रिया चल रही है। सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कोई त्रुटि न हो, इसका परीक्षण किया जा रहा है।

विधायक विद्या रतन भसीन द्वारा जानकारी चाही गई कि अनियमित कर्मचारियों संविदा कर्मियों तथा दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने के लिए सरकार ने क्या काम किए हैं। इनको नियमित कब तक किया जाएगा? इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अनियमित संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर जीएडी ने विधि विभाग से अभिमत मांगा है विधि विभाग द्वारा इस संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर जानकारी देने की बात कही है। नियमितीकरण कब तक कर लिया जाएगा इस संबंध में समय सीमा बता पाना संभव नहीं है। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नारेबाजी होने लगी और विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान कर्नाटक सरकार वर्सेस उमा देवी प्रकरण के जजमेंट का भी जिक्र किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *