मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय मनोज सिंह मण्डावी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें दी श्रद्धांजलि

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज विधानसभा के उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी के श्रद्धांजलि और शांति-भोज कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांकेर जिले के नाथियानवागांव पहुंचे। उन्होंने वहां माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी को याद करते हुए कहा कि वे सहज, सरल, मृदुभाषी लोकप्रिय नेता थे। वे विधानसभा में अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमेशा मजबूती से उठाते रहे। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री मण्डावी के शोकाकुल परिवार से भेंट कर ढांढस बंधाया और सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय श्री मण्डावी छात्र जीवन से ही राजनेता के रूप में जाने जाते रहे। वे सबसे पहले वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य निवार्चित हुए, इसी कार्यकाल में नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर उन्हें गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई, इसके पश्चात वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। उनका निधन हम सबके लिए, कांकेर जिले के साथ पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अपूर्णीय क्षति है।

इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राज्यसभा के पूर्व सांसद श्री पीएल पुनिया, सांसद श्री मोहन मण्डावी, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी, कोण्डागांव विधायक श्री मोहन मरकाम, बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, बीजापुर विधायक विक्रम शाह मण्डावी, कुरूद विधायक श्री अजय चन्द्राकर, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हेमन्त ध्रुव, पूर्व विधायक एवं जिला सहकारिता केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री शंकर ध्रुवा, बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री बिरेश ठाकुर, अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री नितीन पोटाई, बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री श्याम धावड़े, आईजी बस्तर श्री सुन्दरराज पी, कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ कुमार सिन्हा, समाज प्रमुख सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।

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