✍️ साधुराम दुल्हानी
केशकाल। बस्तर संभाग के कोण्डागांव जिला अंतर्गत केशकाल क्षेत्र में धर्मांतरण के मामले को लेकर मचा है बवाल। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में धर्मांतरण किए एक परिवार ने मृतक का शव घर की बाड़ी में दफना दिया। जिसको लेकर गांव के ग्रामीणों ने जबरदस्त बवाल खड़ा कर दिया है। इधर, शव को निकालने या फिर परिवार के मूल धर्म में लौटने का अल्टीमेटम का समय पूरा हो गया। जिसके बाद रविवार को सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सड़क पर उतर आए। नेशनल हाईवे 30 में बेड़मा चौक के पास बैठ चक्काजाम कर दिया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि, प्रशासन धर्मांतरित व्यक्ति की लाश वापस निकाले। ग्रामीणों का कहना है कि परिवार के सदस्य अपने मूल धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म में शामिल हो गए हैं। अब बिना किसी को बताए घर की बाड़ी में मृतक के शव को दफना दिया। ग्रामीणों ने पुलिस से शव वापस निकालने कहा है।
ग्रामीणों ने चक्का जाम किया।
जिले के केशकाल ब्लॉक के धनोरा के आंचला पारा निवासी मोहन उसेंडी (52) की कुछ दिन पहले मौत हो गई। परिवार के सदस्यों ने गांव के गायता, पटेल समेत प्रमुखों को मौत की जानकारी नहीं दी। फिर, गांव के ही बीच स्थित अपने घर के पीछे बाड़ी में शव दफनाकर अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन, किसी तरह से यह खबर गांव में फैल गई। जिसके बाद एकाएक बवाल होना शुरू हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हमारे देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में धर्मांतरित परिवार को उनके परिवार के सदस्य की मौत के बाद शव दफनाने नहीं देंगे। शव को निकाला जाए।
पूर्व विधायक बोले- कड़ी कार्रवाई की कर रहे मांग
मौके पर मौजूद पूर्व विधायक भोजराज नाग ने कहा कि, धर्मांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ भर में समय-समय पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। ग्राम धनोरा में भी जिस तरह से धर्मांतरित परिवार ने ग्रामवासियों को बगैर सूचना शव को बाड़ी में दफनाया है उससे गांव की देवी-देवताओं को ठेस पहुंचता है। जिसको लेकर प्रशासन को आगाह किया गया था। लेकिन, आदिवासी भाइयों की बातों को दरकिनार करते हुए किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई प्रशासन ने नहीं की। जिसको लेकर आज सड़क की लड़ाई लडऩे ग्रामीण पहुंचे हैं। धर्मांतरित परिवार के इस कृत्य को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
प्रतीकात्मक फोटो