रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी माताओं, बहनों और बेटियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि महिलाओं तक उनके अधिकारों को पहुंचाने, उन्हें सशक्त बनाने और समाज में लैंगिक समानता स्थापित करने के उद्देश्य से हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने अपनी क्षमता, योग्यता और हौसलों से हर क्षेत्र में अपना मुकाम बनाया है। उनकी भागीदारी के बिना हम समग्र विकास की कल्पना नहीं कर सकते।
श्री बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में हमेशा महिलाओं का स्थान ऊंचा रहा है। लेकिन हमेशा से आर्थिक मजबूती, निर्णय और स्वतंत्रता के मामले में पुरूषों की तुलना में महिलाओं की स्थिति कमजोर रही है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए स्वालम्बन से जोड़ने की रणनीति अपनाई है। गौठानों और महिला समूहों से जोड़कर उनके लिए आर्थिक समृद्धि की नई राह तैयार की गई। गौठान महिलाओं के लिए स्व-रोजगार के केन्द्र बन रहे हैं। गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में महिलाओं को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में विकास के हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। बिहान के अंतर्गत 2 लाख स्व-सहायता समूहों से लगभग 21 लाख महिलाएं जुड़कर अपने परिवारों के साथ प्रदेश का आधार बनी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं परिवार का आधार स्तम्भ होती हैं। उनका स्वास्थ्य स्वस्थ नई पीढ़ी के लिए भी जरूरी है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सेहत की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और दाई-दीदी क्लीनिक योजना जैसी अभिनव पहल की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, लगभग 85 हजार महिलाएं एनीमिया मुक्त हो गए हैं। दाई-दीदी क्लीनिक योजना से गरीब बस्तियों की 2 लाख से अधिक महिलाओं का इलाज हुआ है। श्री बघेल ने कहा है कि समाज का वास्तविक विकास तभी संभव है, जब हम आधी आबादी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं और उन्हें आगे बढ़ने का सुरक्षित और पूरा अवसर प्रदान करें।