0 नक्सलग्रस्त इलाकों में सड़कों निर्माण प्रभावित
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों में रोड, पुल पुलिया निर्माणकी केंद्र सरकार की मंशा पर लोक निर्माण विभाग छत्तीसगढ़ के इंजीनियर इन चीफ फिर पानी फेरने आमादा हो गए हैं। लोक निर्माण विभाग में आरआरपी के ठेकेदारों को कई माह से निर्माण कार्यों के करोड़ों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। वहीं ठेकेदारों को ईएनसी वीके भतपहरी द्वारा काम ठीक नहीं होने की बात कह कर धमकाया जा रहा है। मामले में मंगलवार को आरआरपी प्रोजेक्ट के लगभग 60 ठेकेदारों की बैठक बुलाई गई थी। अधिकारियों ने भुगतान के सवाल को टालते हुए सभी मामलों में चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की योजना रूरल रोड प्रोजेक्ट की ठेकेदारों के 150 करोड़ से अधिक की देनदारियां अटकी हुई थी। ईएनसी वीके भतपहरी ने केंद्रीय मद की राशि का भुगतान कई कारणों से आपत्ति लगाकर रोक दिया है। मार्च के बाद के कराए गए कार्यों का भुगतान न होने से ठेकेदारों में रोष है। कार्य ठप होने के कारण ईएनसी ने ठेकेदारों की बैठक ली। बैठक में उनका काम ठीक नहीं होने की बात कहकर धमकाया जा रहा है। ठेकेदारों द्वारा काम के संबंध में कहीं की कोई जानकारी पूछे जाने पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदारों ने भुगतान नहीं किए जाने का सवाल उठाया तो उसे टाल गए।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र की योजना
योजना के तहत रूरल रोड प्रोजेक्ट-3 योजना में नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग है। रूरल रोड प्रोजेक्ट के तहत चल रहे निर्माण कार्यों के भुगतान ईएनसी के माध्यम से ही होता है। बस्तर संभाग में ही रूरल रोड प्रोजेक्ट-3 के तहत सड़क निर्माण में लगे पांच दर्जन ठेकेदारों के करीब 150-200 करोड़ रुपयों का भुगतान रोका गया है। उल्लेखनीय है कि आरआरपी के कार्यों को लेकर पूर्व में भी इसी तरह की शिकायतें पिछले साल आई थी।
काम रुका तब हरकत में आया विभाग
ठेकेदारों के काम रोकने के बाद विभाग हरकत में आया। तब जाकर उनसे चर्चा करने बैठक बुलाई गई। मामले में यह कहा जा रहा है कि सड़क निर्माण में कई छोटे-छोटे मामलों को लेकर ईएनसी कार्यालय के द्वारा आपत्ति लगाए जाने के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है। शासन के संज्ञान में यह मामला लाया गया।
पुरानी पद्धति से भुगतान की मांग
उल्लेखनीय है कि पिछली बार भी ठेकेदारों का भुगतान रोके जाने पर आरआरपी-2 के ठेकेदारों ने पुरानी पद्धति से भुगतान की मांग को लेकर ईएनसी से मुलाकात की थी। ऑनलाइन भुगतान होने की प्रक्रिया के चलते भुगतान में देरी से परेशान ठेकेदारों के साथ फिर से यही दिक्कत सामने आ रही है।