रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी सरकार के 11 साल कार्यकाल का भाजपा नेता गुणगान करते थक नहीं रहे हैं, वही प्रदेश की स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्गति हो गई है, जनता को मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, सरकार का कर्तव्य होता है कि मूलभूत सुविधा जनता को मिले, लेकिन डबल और ट्रिपल इंजन के सरकार में भी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। भारतीय जनता पार्टी के नेता स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर के बड़े-बड़े तो बातें करते हैं लेकिन इन 11 साल में मोदी जी के कार्यकाल में एक भी छत्तीसगढ़ में एम्स हॉस्पिटल का निर्माण नहीं कराया गया, प्रदेश की आबादी 3 करोड़ 21 लाख 99,722 के लगभग है जिसमें सिर्फ और सिर्फ एक ही एम्स हॉस्पिटल है जिसका स्थापना भी 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में हुआ था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि भाजपा की यह कैसी सरकार जहां हर जगह स्वास्थ्य सेवाएं हैं लाचार, गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिलने के कारण जान तक गंवानी पड़ रही है। प्रदेश में इतनी बड़ी आबादी में सिर्फ एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में ही है दूर-दूर से लोग इलाज के लिए रायपुर एम्स में आते हैं। सर्दी, खांसी, बुखार जैसे मामूली इलाज और उनके रिपोर्ट के लिए कई दिनों तक भटकना पड़ता है। यदि किसी को गंभीर बीमारी हो गई हो तो उसे अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए भटकना पड़ता है। हर एक प्रक्रिया में उसे लंबी-लंबी लाइन लगा करके घंटों इंतजार करना पड़ता है। और अंत सब कुछ प्रक्रिया में होने के बाद जब डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाया जाता है तो रिफर एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट में किया जाता है फिर से वही प्रक्रिया लाइन में खड़े होना रिपोर्ट फिर से चेक करवाने इत्यादि जिनके कारण अंततः कई मरीजों को जान भी गंवानी पड़ रही है। प्रदेश की स्थिति सामान्य होने पर अस्पताल में जहां बैड की कमी है। वर्तमान में फिर करोना महामारी ने दस्तक दे दी है ऐसे में क्या इस करोना महामारी से हम लड़ पाएंगे? क्या बीमार व्यक्ति को हम वह सब सुविधा दे पाएंगे? डबल इंजन के सरकार में जनता को तो इतनी सुविधा मिलनी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था को थोड़ा सरल बनाना चाहिए जिसका लाभ मध्य एवं गरीब तबके के लोगों को मिल सके। मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेता तो बड़े-बड़े बातें करते हैं लेकिन अस्पतालों में जहां डॉक्टरों की कमी है, स्वास्थ्य विभाग के पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इन पदों को भरने को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है, जिनका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।