ट्राईफेड के फूडपार्क की प्रोसेसिंग यूनिट की जल्द लौटेगी धड़कन

0  डिप्टी सीएम विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप ने ली बैठक 
0  फूड पार्क के भवन और स्थापित मशीनों का किया अवलोकन 

जगदलपुर। ट्राइ फूड परियोजना भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के ट्राइफेड द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सहयोग से जिला प्रशासन की सहायता से क्रियान्वित किया जाना है। ट्राइफूड का उद्देश्य आदिवासी वन संग्रहकर्ताओं द्वारा एकत्र की गई लघु वनोपजों के बेहतर उपयोग और मूल्य संवर्धन के माध्यम से आदिवासियों की आय में वृद्धि करना है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप ने जगदलपुर शहर के नजदीक सेमरा स्थित ट्राइफेड के ट्राईफुड पार्क के सभाकक्ष में बैठक लेकर ट्राईफूड पार्क के संचालन के लिए विस्तृत चर्चा की। ज्ञात हो कि ट्रायफेड द्वारा 8.20 करोड़ की लागत से सेमरा जगदलपुर में ट्राईफूड पार्क तैयार कर लिया गया है इसका सकल क्षेत्रफल लगभग 21.55 एकड़ है, जिसमें 4.36 एकड़ में प्लाट स्थापित है। उल्लेखनीय है कि जगदलपुर बस्तर में ट्रायफेड द्वारा स्थापित यह फूड पार्क वनोत्पाद और स्थानीय उत्पादों की एक प्रमुख प्रसंस्करण इकाई है, जिसमें वनधन केन्द्रों एवं स्थानीय जनजाति कृषकों से कच्ची सामग्री (विशेषकर लघु वनोपज) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लेकर उसका प्रसंस्करण कर उत्पादन, पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग किया जाएगा। बैठक में इस फूड पार्क के व्यवस्थित संचालन एवं आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की गई। ट्राइफेड के अधिकारी ने बैठक में बताया कि इस फूड पार्क में शहद प्रोसेसिंग,काजू प्रोसेसिंग, इमली प्रोसेसिंग, मौसमी फल और मसालों की प्रोसेसिंग करने की योजना है साथ ही कोल्ड स्टोरेज की भी सुविधा रखी गई है। गृहमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि बस्तर के मूल निवासियों की सहकारी समिति बनाकर फूड पार्क के लिए रॉ मटेरियल सप्लाई की व्यवस्था करें। फूड पार्क में इमली, महुआ, आम, काजू, साल-बीज जैसे स्थानीय उत्पाद को प्रोसेसिंग में प्राथमिकता दें। बैठक में संस्थान के संचालन करने वाले का चयन करने के लिए कमेटी बनाने पर चर्चा की गi और जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने संचालन के लिए अलग-अलग सुझाए गए मॉडल पर भी चर्चा की।वन मंत्री ने कहा कि यूनिट के संचालन के लिए प्रोफेशनल टीम की आवश्यकता होगी। उन्होंने अन्य राज्यों में ट्राइफेड द्वारा संचालित या अन्य संस्था के माध्यम से स्थानीय उत्पादों का प्रसंस्करण की जानकारी लेकर विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस प्रकार के फील्ड में काम करने वालों को प्राथमिकता देंने की बात कही। बैठक में चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह, ट्राईफेड के पूर्व एमडी प्रवीण कृष्णा, बस्तर आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस, एसपी श्री शलभ कुमार सिन्हा सहित ट्राईफेड के डिप्टी जनरल श्रीमती ममता शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर खदाने सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक के पश्चात प्रभारी मंत्री श्री शर्मा और वन मंत्री श्री कश्यप ने प्रोसेसिंग यूनिट में स्थापित मशीनों का अवलोकन किया। साथ ही संस्थान को जल्द से जल्द शुरू कराने की बात कही। मशीनों में स्थानीय उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक उपकरणों को परिवर्तित कर काम को गति देने की जरूरत बताई।

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