० नारायणपुर जिले में अब तक 103 नक्सली कर चुके हैं सरेंडर
जगदलपुर। बस्तर संभाग में सक्रिय नक्सलियों और उनके सहयोगियों के आत्मसमर्पण का सिलसिला लगातार जारी है। आज फिर नारायणपुर जिले में दो ईनामी और सक्रिय महिला नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन दोनों महिला नक्सलियों पर क्रमशः 8 लाख एवं 1 लाख का ईनाम घोषित था। नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप 2 महिला माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। पीपीसीएम एवं परतापुर एरिया जनमिलिशिया सदस्य की पार्टी सदस्य महिला नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की शपथ ली। ये दोनों नारायणपुर जिले के माड़ क्षेत्र एवं कांकेर जिले की परतापुर एरिया कमेटी अन्तर्गत सक्रिय थीं। इस साल कुल 103 बड़े-छोटे कैडर के माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।आत्मसमर्पित माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50-50 हजार के चेक दिए गए। उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं भी दिलाई जाएंगी। नक्सल उन्मूलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैंप स्थापित होने और पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाली हिंसा से तंग आकर दो महिला नक्सलियों ने नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार, एएसपी रॉबिंसन गुड़िया, एएसपी ऐश्वर्य चंद्राकर, डीएसपी अविनाश कंवर, अमृता पैकरा, मनोज मंडावी के समक्ष बगैर हथियार आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने पर प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाई जाएंगी। नक्सली सुकली कोर्राम उर्फ सपना पति भरत कोर्राम पंचायत करमरी थाना फरसगांव जिला नारायणपुर पद- कंपनी नंबर 1 पीपीसीएम ईनामी 8 लाख और देवली मंडावी पिता लक्ष्मण उम्र 22 वर्ष निवासी मेटानार पंचायत कमलानार थाना कुकड़ाझोर जिला नारायणपुर पद परतापुर एरिया जन मिलिशिया सदस्य, ईनामी 1 लाख ने आत्मसमर्पण किया है माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के लिए माड़ और नारायणपुर जिले में लगातार चलाए जा रहे विकास कार्य, तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुंचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रेरित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है। आत्मसमर्पित माओवादी माड़ डिवीजन एवं परतापुर एरिया क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्यरत रही हैं। आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है। आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस एवं आईटीबीपी, बीएसएफ का विशेष योगदान है। इस प्रकार नक्सलियों का हो रहे आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप ले रहा है।
निकलें भ्रमजाल से: एसपी प्रभात कुमार
एसपी नारायणपुर प्रभात कुमार ने कहा है कि सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और ‘‘माड़ बचाओ अभियान” ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों को सौंप देने का है जहां वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।