तो ऐसे चलता है शराब दुकानों में खेल…!

0  ढक्क्न खोलकर करते हैं शराब में मिलावट 

0 संभागीय उड़नदस्ता टीम ने बालोद में पकड़ा मामला 

बालोद। सरकारी शराब दुकानों में किस तरह शराब में मिलावट का खेल किया जाता है, इसका भंडाफोड़ बालोद जिले में हुआ है। ग्राहकों को चपत लगाने के लिए ढक्क्न खोलकर बोतलों से काफी मात्रा में शराब निकाल जाती है और उसकी जगह पानी या बहुत ही हल्के स्तर की शराब मिला दी जाती है। बालोद जिले के गुरुर में ऐसा ही मामला सामने आया है और दुकान के कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है।
दुर्ग संभाग की आबकारी उड़नदस्ता टीम ने बालोद जिले की देशी, विदेशी कंपोजिट मदिरा दुकान गुरूर का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान आफ्टर डार्क लक्जरी ब्रांड की व्हिस्की की बोतलों के ढक्कन ढीले, होलोग्राम क्षतिग्रस्त एवं लीकेज पाई गई। दुकान में रखी 10 पेटी आफ्टर डार्क लक्जरी व्हिस्की की बोतलों की जांच की गई। 12 बोतलों को चिन्हित कर थर्मामीटर एवं हाइड्रोमीटर से जांच करने पर तेजी लगभग 40 यूपी होना पाई गई। मिलावट का प्रकरण पाए जाने पर दुकान के सभी उपस्थित कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया है।

प्लेसमेंट एजेंसी करवा रही है खेल
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शराब दुकान के सुपरवाइजर को हर महीने कंपनी के इंचार्ज प्रदीप सिंग को पैसा देना पड़ता है। जिले के फील्ड आफिस द्वारा महीने के 1 तारीख से 5 तारीख के बीच जिले के सभी दुकानों में जाकर वसूली की जाती है और प्रदीप सिंग के पास मोटी रक़म पहुंचाई जाती है। क्या इसीलिए मजबूरी में शराब दुकान के कर्मचारियों को करना पड़ता है मिलावटी का काम। आबकारी विभाग को कंपनी के ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिम प्रदेश का आबकारी विभाग मौन है। अब देखना है ऐसे वसूलीबाजों पर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है कि नही? शराब दुकान के कर्मचारियों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि हमरे प्लेसमेंट एजेंसी के इंचार्ज प्रदीप सिंग द्वारा दबाव बनाया जाता है कि हर महीने उनको पैसा चाहिए मजबूरी में हमें गलत कदम उठाना पड़ता है नही तो हमे अपने पेमेंट से प्रदीप सिंग को पैसा देना पड़ता है।
जिले के इंचार्ज भूपेंद्र देशमुख जिले की हर शराब दुकान में हर महीने के 1 तारीख से 5 तारीख के बीच जाकर पैसा लेते है और कंपनी के इंचार्ज प्रदीप सिंग के पास पहुंचाते हैं।

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