पहले ही लिखी जा चुकी थी भारद्वाज को बीईओ पद से हटाने की पटकथा

० एक महिला प्राचार्य की युक्ति में उलझ गए प्रशासनिक अधिकारी 
(अर्जुन झा)जगदलपुर। विकासखंड जगदलपुर के बीईओ मानसिंह भारद्वाज को पद से बेदखल करने की पटकथा काफी पहले लिखी जा चुकी थी। इसमें जिले की एक महिला प्राचार्य ने ऎसी युक्ति लगाई की युक्तियुक्तकरण की सूची में प्रशासनिक अधिकारी उलझ कर रह गए और एक बहुत ही मामूली लिपिकीय त्रुटि को आड़ बनाकर मानसिंह भारद्वाज को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह पहले से ही तय व्यक्ति को बीईओ बना दिया गया। महिला प्राचार्य की कथित युक्ति और उनकी पुराने पैतरों की चर्चा अब आम हो चली है। आगे चलकर बड़ा भांडा फूटने वाला है।
युक्तिकरण को लेकर बस्तर जिले के शिक्षा विभाग में जिस प्रकार से एक महिला प्राचार्य को सामने रखकर एक शिक्षा अधिकारी को जानबूझकर निपटाया गया, वह अब शहर में चर्चा का विषय बन गया है। बताते हैं कि महिला प्राचार्य तो शुरू से ही ऐसे विवादित कार्य करने में माहिर मानी जाती रही है। जिस नगरनार स्कूल की वह प्राचार्या है वहां का कोई भी कर्मचारी इनके किस्से सुना सकता है। बताते हैं कि युक्तिकरण के मामले के साथ ही जगदलपुर के विकासखंड शिक्षा अधिकारी मानसिंह भारद्वाज को हटाने और उनकी जगह नए खंड शिक्षा अधिकारी को बिठाने की युक्ति उसी महिला प्राचार्य की रही है और उसका मसौदा पहले ही तैयार कर लिया गया था। इंतजार था तो बस मौके और बहाने का। शिक्षकों और स्कूलों की सूची में मामूली त्रुटि जो संभवतः लिपिकीय त्रुटि थी, को आड़ बना लिया गया। उसी के बहाने एक कर्तव्य परायण और उच्च अधिकारियों से पुरस्कृत बीईओ को आनन फानन में हटा दिया गया। केवल पूर्व बीईओ भारद्वाज के छुट्टी पर ही जाने का इंतजार था। क्योंकि जिला प्रशासन ने इस मामले में जिस तेजी के साथ निर्णय लिया, उससे समझ में आ जाता है कि आखिर माजरा क्या है? अभी सभी के बीच यह चर्चा का सबब बना हुआ है।बकावंड के साथ कई अन्य जगह है डिपो में प्राचार्य द्वारा लगाई गई युक्ति की चर्चा अभी युक्ति युक्तिकरण की समाप्ति के बाद जबरदस्त ढंग से छिड़ने वाली है।

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