मोदी सरकार ने 11 सालों में रेल यात्रा सुविधा को बर्बाद कर दिया – कांग्रेस

रायपुर। देश में जब से मोदी सरकार बनी है रेल यात्री सुविधा बर्बाद हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने 11 सालों में देश की जन उपयोगी सारी व्यवस्थाओं को बर्बाद कर दिया, उनमें यात्री ट्रेन भी प्रमुख है। प्रतिदिन हजारों यात्री ट्रेनों के लेट लतीफी और रद्द होने के कारण परेशान है। गर्मी की छुट्टियां में लोग महीनों पहले टिकिट बुक करवा कर रखे है। छुट्टियां मना कर वापस आ रहे है, लेकिन ऐन यात्रा के दिन ट्रेनों के रद्द होने का फरमान जारी हो जाता है। मोदी सरकार ने देश की रेल सेवा को तबाह कर दिया। जिस रेल को पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकारें जनहित में घाटा सह कर भी चलाती थी मोदी सरकार ने उसको नासूर बना दिया है। देश में आज कोई भी ट्रेन नहीं है जो समय पर गंतव्य के लिये चलती हो घंटो लेट लतीफी भारतीय रेल की पहचान बन गयी है। यह मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया है पिछले कुछ सालों से छत्तीसगढ़ की ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया जाता है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महीनों, हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। महीनों पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे को और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है। यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके। मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है। ऐसा इसलिये कि यात्री ट्रेनों की अपेक्षा माल भाड़े में रेलवे को 300 से 400 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिलता है।

 

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