पोकलेन की जप्ती दिखावे की कार्रवाई तो नहीं, रेत माफिया और खनिज कर्मियों का गठजोड़ टूटेगा भी?

0  खनिज अधिकारी ने जप्त किया अवैध खनन में लगे पोकलेन को 
(अर्जुन झा)बकावंड। रेत माफिया द्वारा रेत खनन करने की खबर लगातार प्रकाशित होने के बाद आख़िरकार खनिज विभाग ने अवैध रेत खनन में लगे पोकलेन को जप्त कर लिया है। इसके बाद भी सवाल कायम रहेगा कि अवैध खनन के मामले में आंखें मूंदे बैठे रहे खनिज अधिकारी माफियाओं को मदद करना बंद करेंगे भी कि नहीं?
बीती देर रात खनिज विभाग के कुछ लोग खनिज अधिकारी मृदुल गुहा के साथ अचानक पहुंचे और पोकलेन को जप्त कर लिया। ग्रामीणों के सामने जप्ती का पंचनामा बनाया गया, जिसमें ग्रामीणों के हस्ताक्षर लिए गए। खनिज अधिकारी ने यह कार्रवाई तो कर ली, लेकिन अब देखना यह है कि रेत माफिया किस के पैंतरे आजमा कर खनन करते हैं? दूसरा सवाल यह कि प्रशासन की नजरों से बचने के तरीके खनिज माफिया को जो विभागीय कर्मी बताते रहे हैं, वे अपनी आदत से बाज आते भी हैं, या नहीं? उल्लेखनीय है कि ओड़िशा के रेत माफिया बकावंड ब्लॉक की सीमा से होकर बहने वाली भास्कली नदी और इंद्रावती नदी में धड़ल्ले से रेत खनन और ओड़िशा तक रेत का परिवहन करते रहे हैं। पहले ये लोग बनियागांव और तारापुर के ग्रामीणों के पुरजोर विरोध के बावजूद रेत माफिया अपने कृत्य को दिन के उजाले में अंजाम देते रहे हैं। बकावंड एसडीएम ऋषिकेश तिवारी ने जब बार बार मौके पर दबिश देना शुरू की, तो रेत माफिया रात के अंधेरे में रेत खनन और परिवहन करने लगे। रेत खनन के लिए वे पोकलेन और पे लोडर जैसी भारी भरकम मशीनों का उपयोग करते रहे हैं। पूरी रात रेत निकालने के बाद रेत माफिया इन मशीनों को नदी में ही ओड़िशा की सीमा पर ले जाकर खड़ी कर चले जाते थे। ये दोनों नदियां ओड़िशा से आती हैं और बस्तर एवं ओड़िशा के बीच सीमा रेखा बनाती हैं। ओड़िशा की सीमा पर मशीने खड़ी देख प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पाते थे। ग्रामीणों के अनुसार रेत माफिया को यह चलबाजी बस्तर के ही खनिज विभाग के कर्मियों ने सिखाई थी। इस संवाददाता ने जब अधिकारियों और रेत माफिया के गठजोड़ का खुलासा करना शुरू किया तो पोकलेन की जप्ती बना ली गई।

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