आरएसएस की भाषा बोलने वाले अरविंद नेताम को स्वीकार नहीं करेंगे आदिवासी : दीपक बैज

0 आदिवासियों के मंच से बोलना चाहिए आदिवासी हित की बात 
0  अरविंद नेताम के वक्तव्य से बढ़ी सियासी हलचल 

(अर्जुन झा) जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रममें भाग लेने और वहां आदिवासी हित की बात करने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि अरविंद नेताम अब आरएसएस की भाषा बोलने लगे हैं। आरएसएस की स्वीकार्यता आदिवासी समाज के बीच नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम बीते 5 जून को आरएसएस के नागपुर मुख्यालय में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत भी मौजूद थे। सम्मेलन में अरविंद नेताम ने आदिवासियों के धर्मांतरण और उनके हितों से जुड़े का मुद्दे उठाए थे। श्री नेताम ने कहा था कि धर्मांतरण रोकने और आदिवासी हित में आरएसएस ही बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने आरएसएस की खुलकर तारीफ भी की थी। इसी वक्तव्य ने छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल मचा दी है। राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप ने अरविंद नेताम के इस वक्तव्य की सराहना करते हुए इसे कांग्रेस को आईना दिखाने वाला वक्तव्य बताया था। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस वक्तव्य को लेकर अरविंद नेताम पर तंज कसा है। दीपक बैज ने कहा है कि आदिवासी समुदाय को आरएएसएस की विचारधारा स्वीकार्य नहीं है, अरविंद नेताम जी वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं और बड़े अनुभवी भी हैं। मगर अब वे आरएसएस की भाषा बोलने लगे हैं, जिसकी स्वीकार्यता आदिवासियों के बीच कतई नहीं है।एक समय था जब श्री नेताम आदिवासी हित में काम करते थे अब वे रास्ते से भटक गए हैं, हो सकता है यह उनकी उम्र का तकाजा हो। श्री बैज ने कहा कि आरएसएस की भाषा और विचारधारा कम से कम छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को तो यह हरगिज मंजूर नहीं है। श्री नेताम द्वारा आरएसएस की तारीफ करना दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर आदिवासी हित की बात वे अपने और हमारे समुदाय के बीच जाकर उठाते तो बात समझ में भी आती। विदित हो कि दीपक बैज स्वयं बस्तर के बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं और कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के बीच उनकी कार्यशैली की तूती बोलती है। जनहित में दीपक बैज द्वारा निकाली गई पदयात्राओं का लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी तारीफ कर चुके हैं। कांग्रेस और राहुल गांधी आरएसएस के प्रखर विरोधी माने जाते हैं।

दगे हुए कारतूस हैं नेताम

दीपक बैज ने कहा है कि अरविंद नेताम दगे हुए कारतूस मात्र हैं। भाजपा और आरएसएस उन्हें कंधे पर बंदूक रखकर बस्तर जनता को धर्म एवं जाति में उलझाए रखकर यहां की खनिज संपदा को बेचना चाहती है। मैंने नगरनार प्लांट, एनएमडीसी, बैलाडीला की लौह अयस्क खदानों, कांकेर बीजापुर की कोरंडम खदानों के निजीकरण के खिलाफ और बस्तर के जल जंगल, जमीन एवं खनिज संपदा की रक्षा के लिए जो आंदोलन किए उससे भाजपा और केदार कश्यप घबरा गए हैं। खदानों के निजीकरण के खिलाफ न तो केदार कश्यप की ओर से और न ही बस्तर के किसी भाजपा नेता की तरफ से आज तक कोई बयान नहीं आया है। अब वे अरविंद नेताम जैसे दगे हुए कारतूस को सामने लाकर जाति धर्म की राजनीति पर उतर आए हैं। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने चुनौती देते हुए कहा कि केदार कश्यप और भाजपा के लोग साबित कर दें कि बस्तर में धर्मान्तरण हो रहा है और खदानों का निजीकरण नहीं हो रहा है, अन्यथा वे राजनीति छोड़ दें। बस्तर को जलाने का प्रयास न करें।

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