रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन एवं व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य अमर पारवानी ने कहा कि आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा 6 जून 2025 को रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत (50 बेसिस पॉइंट) की कटौती का निर्णय स्वागत योग्य है। इस कदम से विकसित भारत एवं विकसित छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और व्यापारिक परिदृश्य को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।
उन्होंने बताया कि 3 दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (डच्ब्) की बैठक के पश्चात आरबीआई ने रेपो रेट को 6.00 प्रतिषत से घटाकर 5.50 प्रतिषत कर दिया है। यह लगातार तीसरी बार है जब रेपो रेट में कटौती की गई है। वर्ष 2025 में अब तक 100 बेसिस पॉइंट (1.00 प्रतिषत) की कुल कमी की जा चुकी है।
मुख्य प्रभाव निम्नलिखित होंगेः
ऽ होम लोन, ऑटो लोन एवं पर्सनल लोन सस्ते होंगे, जिससे आमजन की ईएमआई में सीधा लाभ मिलेगा।
ऽ अभी तक कुल 1 प्रतिशत की कटौती करने से 2.50 लाख करोड़ रुपये सिस्टम में आयेंगा ।
ऽ रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेंगा बढ़ावा ।
ऽ बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में पुनः गति आएगी।
ऽ क्रेडिट साइकिल दोबारा सक्रिय होगी, जिससे लघु, मध्यम और स्टार्टअप उद्योगों को ऋण उपलब्धता आसान होगी।
ऽ छत्तीसगढ़ की नवीन औद्योगिक नीति के अंतर्गत निवेशकों को ऋण लेना अधिक सुविधाजनक एवं सस्ता होगा।
ऽ रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को गति मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
आरबीआई द्वारा ब्त्त् (कैश रिजर्व रेशियो) में भी 1.00 प्रतिषत की कटौती की गई है, जिससे बैंकों की लिक्विडिटी बढ़ेगी और ऋण वितरण में सहूलियत होगी।
श्री पारवानी ने कहा कि यह निर्णय देश की आर्थिक विकास दर को गति देने और महंगाई नियंत्रण के दोहरे उद्देश्य को पूरा करेगा। यह मौद्रिक नीति आम जनता, व्यापार जगत तथा औद्योगिक क्षेत्र सभी के लिए लाभकारी एवं प्रेरक सिद्ध होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत /2047 मिशन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आर्थिक पहल के रूप में देखा जाना चाहिए।