नक्सलियों के बहाए खून के धब्बे मिटाकर हरियाली के रंग बिखेर रही है सीआरपीएफ

0  सुकमा जिले में सघन वृक्षारोपण अभियान 
0 बल के जवान लगा चुके हैं जिले में 25 हजार पेड़
(अर्जुन झा)जगदलपुर। जिस धरती को नक्सलियों ने सालों साल तक रक्तरंजित कर रखा था, उस धरती पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स सीआरपीएफ रक्त धब्बे मिटाकर हरियाली की आभा बिखेर रही है। एंटी नक्सल ऑपरेशन में तैनाती के बाद से अब तक सीआरपीएफ जिले के अति नक्सल प्रभावित इलाकों में भी हजारों पेड़ लगा चुकी है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ की द्वितीय वाहिनी ने वृक्षारोपण अभियान एवं विश्व पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक प्रदूषण को हटाने की मुहिम चलाई।द्वितीय वाहिनी छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित जिले सुकमा में विगत कई वर्षों से सघन नक्सल विरोधी अभियान में तैनात है। यह फोर्स क्षेत्र की सुरक्षा व मानव सेवा में भी लगातार योगदान दे रही है। बरसात की शुरूआत में ही बड़े पैमाने पर फलदार व छायादार वक्षों का रोपण द्वितीय वाहिनी द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को द्वितीय वाहिनी के कमांडेंट रतिकांत बेहेरा के मार्गदर्शन में मुख्यालय शबरी नगर सुकमा परिसर के चारो तरफ एवं कैंप रामाराम, चिंतागुफा, मिनपा, एवं एफओबी मुर्कराजकोंडा व दुलेर में पौधरोपण कार्यकम आयोजित किया गया। जिसमें वाहिनी के श्पवन कुमार द्वितीय कमान अधिकारीद्वय पवन कुमार, व अनामी शरण एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमा, उप कमांडेंट भास्कर भट्टाचार्य, सहायक कमांडेंट राजीव कुमार और अन्य अधिकारियों व जवानों ने बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया। आम, अमरूद, ऑवला, नीम, कटहल, सीताफल, बरगद, गुलमोहर व अन्य छायादार पौध रोपे गए। साथ ही प्लास्टिक प्रदूषण को हटाने पर कार्य करते हुए बल के कैंपों में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।एसुकमा की जैव विविधता को बचाने के लिए शबरीनगर सुकमा में प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह प्रतिबंधित करने के लिए शपथ भो ली गई। इस अवसर पर कमान पवन कुमार ने जवानों को वृक्षों की उपयोगिता एवं आवश्यकता के बारे में बताया। कहा कि वृक्ष हैं, जीवन का आधार, इन्हें बचाना हमारा अधिकार और उन्होनें यह भी अवगत कराया कि द्वितीय बटालियन द्वारा मुख्यालय परिसर में इस वर्ष अभी तक 1500 पौधे लगाए जा चुके हैं सुकमा जिले के विभिन्न स्थानों पर अभी तक द्वितीय वाहिनी द्वारा लगभग 25 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। उनकी देखभाल बल के जवान कर रहे हैं। उन्होंने संदेश दिया कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरनाक है प्लास्टिक ऐसा मटेरियल है जो सालों तक नष्ट नहीं होता और धरती को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

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