0 अब कांग्रेस चलाएगी शिक्षा न्याय आंदोलन
0 10 हजार से अधिक स्कूलों के बंद होने से हजारों लोग हो जाएंगे बेरोजगार
जगदलपुर। राजीव भवन जगदलपुर में पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने प्रेसवार्ता लेकर शिक्षा विभाग में जारी युक्तियुक्तकरण पर सरकार को घेरा। मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा सरकार 10 हजार से अधिक स्कूलों को बंद तथा 45 हजार से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त कर रही है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों विशेषकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर में स्कूलों की कमी होगी, सरकार झूठ बोल रही कि स्कूल बंद नहीं होंगे। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में 57 हजार शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। सरकार बनने के बाद 33 हजार शिक्षक भर्ती की घोषणा की गई। इस वर्ष के बजट में 20 हजार शिक्षकों की भर्ती की बात की गई है।
अब 5 हजार शिक्षक भर्ती की घोषणा की गई है। शिक्षक भर्तियां न करनी पड़े, इसलिए 45 हजार शिक्षक पद समाप्त किए जा रहे हैं। जब पद ही खाली नही रहेंगे तो भर्ती कहां से करेंगे? पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा सरकार का युक्तियुक्तकरण करना शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है। 10 हजार स्कूलों के बंद होने से रसोईया, भृत्य, चौकीदार जैसे पद भी समाप्त होंगे। सरकार शराब दुकानें खोल रही है और शालाओं को बंद कर रही है।मोहन मरकाम ने कहा कि शिक्षकों की नई भर्तियां न करनी पड़े इसलिए साय सरकार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है।सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षड्यंत्र रचा है। साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा। नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षक का सेटअप घोषित किया गया है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षको के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है?मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? इसके अतिरिक्त मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था, डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी। स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्वीपर और मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिला स्व सहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो जाएगा। शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ना निश्चित है।इसके पहले भी रमन सरकार के समय भी 3 हजार स्कूलों को बंद किया गया था जिन्हे कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फिर शुरु किया गया।
श्री मरकाम ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ही प्रदेश में शिक्षकों के 58 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। युक्तियुक्तकरण से युवाओं के शिक्षक बनने का सपना भी टूट जाए गा।कांग्रेस पार्टी शिक्षा न्याय आंदोलन के तहत 5 जून से 10 जुलाई तक 10463 स्कूलों के बंद होने, शिक्षा अभ्यर्थियों के भविष्य को खतरे में डालने, हजारों शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टॉफ की नौकरियों व प्रमोशन को खतरे में डालने को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ़ 4 चरणों में प्रदेश भर में आंदोलन करेगी।
इस प्रेसवार्ता के दौरान ग्रामीण अध्यक्ष प्रेमशंकर शुक्ला,पूर्व विधायक रेखचंद जैन, पूर्व विधायक चंदन कश्यप,नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी, उपनेता कोमल सेना, प्रभारी महामंत्री जाहिद हुसैन, सुभाष गुलाटी,ब्लॉक अध्यक्ष सहदेव नाग, राजेश राय, पार्षद बलराम यादव,महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष लता निषाद, ग्रामीण अध्यक्ष चंपा ठाकुर, प्रशांत जैन, असीम सुता,सुषमा सुता, महेश द्विवेदी,जस्टिन भवानी, शुभम यदु, ललिता राव, कमलेश पाठक, एस नीला, सायमा अशरफ,शादाब अहमद, खीरेंद यादव आदि मौजूद रहे।