रायपुर। देश के प्रमुख व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन अमर पारवानी के नेतृत्व में कैट के प्रतिनिधिमंडल ने वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी से मुलाकात कर ऐसे मामलों में अपील दायर करने में माफी प्रदान करने का अनुरोध किया, जहां अपील नियत समय पर नहीं दायर हो सकी हो और आयुक्त अपील द्वारा समय सीमा बीत जाने के कारण अपील खारिज कर दी गई हो। इस संबंध में कैट ने वित्तमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा।
कैट के प्रदेश एक्सक्यूटिव चेयरमेन जितेन्द्र दोशी, प्रदेश अध्यक्ष परमानंद जैन, प्रदेश महामंत्री सुरिंदर सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में बताया गया कि करदाताओं को वर्ष 2017-18 से 2021-22 के बीच जीएसटी पोर्टल पर कई नोटिस भेजे गए, लेकिन वे करदाताओं के पंजीकृत ई-मेल या भौतिक पते पर नहीं पहुंचाए गए। परिणामस्वरूप कई नोटिस अप्राप्त रहे और अधिकारी बिना सूचना दिए विवादित आदेश पारित कर देते रहे। करदाता तब तक इन आदेशों से अनजान रहे जब तक कि वसूली के लिए कॉल या ईमेल नहीं आए।
अमर पारवानी ने बताया कि ऐसे मामलों में करदाताओं ने देरी से माफी आवेदन के साथ अपील दायर की, लेकिन आयुक्त अपील द्वारा 30 दिनों से अधिक की देरी को माफ करने का अधिकार न होने के कारण अपील खारिज कर दी गई। इस वजह से करदाताओं के पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचता। इसलिए कैट ने अनुरोध किया है कि वित्त वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक ऐसे आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने में छूट दी जाए और आयुक्त अपील के 30 दिन बाद अपील खारिज करने के आदेश को भी अपील योग्य माना जाए। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि विवादित मांग की वसूली के लिए अपील के निपटान तक कोई जबरदस्ती कार्रवाई न की जाए।
इसके अतिरिक्त कैट ने धारा 108 के तहत पुनरीक्षण प्राधिकरण की शक्तियों के विस्तार की भी मांग की ताकि करदाता पुनरीक्षण के लिए इस प्राधिकरण का सहारा ले सकें।
वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी ने कैट के इस अनुरोध को सकारात्मक माना और कहा कि इसे जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा तथा व्यापारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
कैट एवं युवा कैट के पदाधिकारी अमर पारवानी, परमानंद जैन, अवनीत सिंह, प्रीतपाल बग्गा, शंकर बजाज, महेन्द्र बागरोडिया, राजेन्द्र खटवानी, भूपेंद्र सिंह, गोल्डी जैन, शैलेन्द्र सिंह, बी.एस. परिहार, अनमोल जैन एवं जयेश पटेल इस बैठक में उपस्थित थे।