रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उसे बयान को नितांत देश विरोधी और षड्यंत्रपूर्ण मानसिकता का परिचायक बताया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी इशारे पर सरेंडर करने का आरोप लगाया है। श्री देव ने कहा कि सत्ता से बाहर होने की व्याकुलता में कुटिलता की सारी हदें पार करके राहुल जिस तरह की ओछी बयान बाजी कर रहे हैं और जो बात पाकिस्तान की सेना और वहां के हुक्मरानों और आतंकियों ने कहने का दुस्साहस नहीं किया वह सब कह कर राहुल गांधी पाक पोषित आतंकियों का सिरमौर बनने की हो में लगे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा भारतीय सैन्य अधिकारियों ने की है और उसे पर सवाल उठाकर उसे सरेंडर बताना राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम का किया जा रहा घोर अपमान है। भाषाई दरिद्रता, अपरिपक्वता और विवेकहीनता की पराकाष्ठा करते हुए राहुल गांधी यह भूल रहे हैं कि सरेंडर के कारनामे से तो कांग्रेस का इतिहास भरा पड़ा है। 1948 से लेकर 1971 तक के युद्धों में जीती जमीन देने, चीन को ऑक्सई चीन सौपने, पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को रिहा करके भी अपने 54000 सैनिकों को सकुशल वापस वापसी नहीं कर पाने वाली कांग्रेस के नेताओं और विशेष कर राहुल गांधी को यह भी भूलना नहीं चाहिए की 2008 के मुंबई हमलों और सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों का गला काटने की घटना के बारे में तात्कालिक कांग्रेस सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाने के बजाय रोना धोना मचाती रही। बाद में उसी पाकिस्तान को 215 करोड रुपए की आर्थिक तथा राशन आदि की सहायता देकर क्या तात्कालिक कांग्रेस सरकार ने समर्पण नहीं किया था? श्री देव ने कहा कि राहुल गांधी को जरा अपने गिरेबान में झांक कर देखने की आदत डालनी चाहिए उन्हीं की पार्टी के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने विदेशी धरती पर जाकर समझौता किया था और कहा था कि आतंकवादी गतिविधियों से भारत पाक शांति वार्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राहुल गांधी को यह भी याद रखना चाहिए कि आतंकवादियों को जी और साहब कहना कांग्रेस का आतंकवादियों के सामने समर्पण हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत वर्ष के शेर हैं, भारत माता के मृगेंद्र है, और इस देश का मस्तक नहीं झुकने देने के संकल्प के साथ आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक संघर्ष का शंख फूक चुके हैं। आज विश्व में चीन और तुर्की को छोड़कर सारे देश आतंकवाद के खिलाफ जारी इस संघर्ष में भारत के पक्ष में खड़े हैं। इतनी बड़ी कूटनीतिक सफलता को अनदेखा करके केवल अंध-मोदी- विरोध के चलते पाकिस्तान की भाषा बोल रहे राहुल गांधी को शर्म से गड़ जाना चाहिए। जिस तरह की भाषा राहुल गांधी इन दोनों बोल रहे हैं उससे तो वह खुद को राहुल शरीफ या राहुल मुनीर साबित कर रहे हैं।