मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक, लिए गए 9 बड़े फैसले: तबादला नीति से लेकर ‘कबीर धर्मनगर’ और ‘युवा रत्न सम्मान’ तक

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई दूरगामी और ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। यह फैसले न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से अहम हैं, बल्कि राज्य के सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक विकास की दिशा में भी निर्णायक कदम माने जा रहे हैं।

1. तबादला नीति 2025 को मंजूरी, पारदर्शिता और संतुलन पर जोर

कैबिनेट ने 2025 की स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है।

  • जिला स्तर पर स्थानांतरण 14 से 25 जून तक प्रभारी मंत्री की अनुमति से और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की स्वीकृति से होंगे।

  • आवेदन 6 से 13 जून तक लिए जाएंगे।

  • न्यूनतम 2 वर्ष की सेवा अनिवार्य होगी, परंतु गंभीर बीमारी, अक्षमता या सेवा निवृत्ति से पूर्व एक वर्ष वाले कर्मचारियों को विशेष छूट दी जाएगी।

  • तीसरी श्रेणी में अधिकतम 10% और चतुर्थ श्रेणी में 15% तक स्थानांतरण होंगे।

  • परीविक्षाधीन कर्मियों का तबादला नहीं होगा।

  • पति-पत्नी की एक स्थान पर पदस्थापना को प्राथमिकता मिलेगी और सभी आदेश ई-ऑफिस प्रणाली से जारी किए जाएंगे।

  • 5 जून 2025 से सभी संलग्नीकरण समाप्त माने जाएंगे।

2. दामाखेड़ा अब ‘कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा’

मुख्यमंत्री की पूर्व घोषणा के अनुसार, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दामाखेड़ा ग्राम पंचायत का नाम बदलकर ‘कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा’ कर दिया गया है। यह निर्णय संत कबीर की विचारधारा और अनुयायियों की आस्था को सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

3. दो अन्य ग्राम पंचायतों के नाम बदले

  • गदहाभाठा (कवर्धा तहसील) अब ‘सोनपुर’ कहलाएगा।

  • चण्डालपुर (बोड़ला तहसील) को नया नाम ‘चन्दनपुर’ दिया गया।

4. नवा रायपुर में ‘कलाग्राम’ की स्थापना

संस्कृति विभाग को नवा रायपुर में 10 एकड़ भूमि निःशुल्क दी गई है, जहाँ ‘छत्तीसगढ़ कलाग्राम’ का निर्माण होगा। यह मंच शिल्पकारों, लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए समर्पित होगा — जिससे राज्य की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

5. राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी को मंजूरी

नवा रायपुर में 13.47 एकड़ भूमि पर एक अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी बनाई जाएगी। इसमें इंडोर व आउटडोर रेंज, हॉस्टल और आवासीय सुविधा होगी। यह छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर सशक्त बनाने में मदद करेगी।

6. किफायती जन आवास नीति 2025 का अनुमोदन

‘छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम 2025’ को मंजूरी दी गई। इसके तहत निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों को शहरों और कस्बों में सस्ते भूखंड दिए जाएंगे। यह न सिर्फ अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाएगा बल्कि सुव्यवस्थित कॉलोनियों के रूप में बेहतर जीवन सुविधा भी सुनिश्चित करेगा।

7. ‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान’ योजना शुरू

राज्य में पहली बार ‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान’ योजना लागू की गई है।

  • हर साल एक युवा और एक संस्था को सम्मानित किया जाएगा।

  • युवा को 2.5 लाख रुपए, प्रमाणपत्र, शॉल और पदक मिलेगा।

  • संस्था को 5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

  • विभिन्न क्षेत्रों जैसे नवाचार, खेल, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, लोककला आदि में चयनित युवाओं को अलग से ₹1 लाख तक का सम्मान मिलेगा।

  • 15 से 29 वर्ष की उम्र, छत्तीसगढ़ निवास और गैर-सरकारी पृष्ठभूमि अनिवार्य पात्रता है।

8. कोच भर्ती के नियमों में एक वर्ष की ढी

राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्था पटियाला से प्रशिक्षक डिप्लोमा की बाध्यता को एक वित्तीय वर्ष के लिए शिथिल किया गया है, जिससे कोच भर्ती में लचीलापन आएगा और स्थानीय प्रतिभाओं को अवसर मिलेगा।

9. ‘होमस्टे नीति 2025-30’ से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा

बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30’ को मंजूरी दी गई। इससे न सिर्फ पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार, और गांवों की संस्कृति को नया जीवन मिलेगा।

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