फोरलेन निर्माण से सड़क पर आ जाएगी लौह नगरी दल्ली राजहरा

० पूरे शहर के उजड़ जाने का मंडरा रहा है खतरा 
०  उजड़ जाएंगी बस्तियां, तबाह हो जाएगा व्यापार 
(अर्जुन झा)दल्लीराजहरा। लौह नगरी के फौलादी नागरिकऔर व्यापारी इन दिनों बड़ी बेचैनी के दौर से गुजर रहे हैं। उनकी इस बेचैनी और फिक्र की वजह है शहर के बीचों बीच से बनने वाले फोरलेन सड़क। यह फोरलेन सड़क पूरे शहर को सड़क पर ला देगी।
राजहरा नगर के बसाहट वाले क्षेत्र खासकर व्यवसायिक क्षेत्र से प्रस्तावित फोरलेन सड़क निर्माण से नगर के उजड़ने की प्रबल संभावना नजर आ रही है। आम जनता तथा व्यवसायियों को यह समझ नहीं आ रहा है कि शासन दल्ली राजहरा नगर को उजाड़ने की दिशा में क्यों काम कर रहा है? अगर नगर के बीच व्यावसायिक क्षेत्र से फोरलेन सड़क वह भी मात्र 4 किलोमीटर बनाना कहीं से भी न्याय संगत नहीं दिख रहा है। नगर की जनता यह सोच रही थी कि इस दफा ट्रिपल इंजन की सरकार बन जाने से आम जनता को सभी सुविधाएं मिलने लगेंगी, लेकिन दल्ली राजहरा नगर में सब उलटा हो रहा है। शहरी क्षेत्र से फोरलेन सड़क बनने से जनता को क्या नुकसान हो सकता है यह सभी संस्थाएं और संगठन जान रहे हैं। फिर भी इस फोरलेन सड़क बनने का कोई भी खुलकर विरोध नहीं कर पा रहा है। खासकर भाजपा संगठन के लोग जो फोरलेन बनने से होने वाले नुकसान से भलीभांति परिचित हैं वे भी चुप्पी साधे हुए हैं। लगता है उन्हें आम जनता को होने वाले नुकसान से कोई सरोकार नहीं रह गया है। प्रशासनिक अधिकारी भी उच्च अधिकारियों और राजनेताओं के दबाव में आकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। फोरलेन बनाने के बदले यदि शासन बायपास सड़क बनाने पर फोकस करता तो शहर के अंदरूनी क्षेत्र में यातायात का दबाव कम हो जाएगा। लेकिन बाईपास सड़क बनाने के लिए शासन के नुमाइंदों का ध्यान कम जा रहा है।
ज्ञात रहे कि केंद्र सरकार की यह सोच है कि किसी भी निर्माण या विकास कार्य से आम जनता को नुकसान न हो, तो फिर इस शहरी क्षेत्र से फोरलेन सड़क बनाकर व्यवसायियों को विस्थापित करने की सोच कहां से पैदा हो गई? जनता ने भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताया था, वह भरोसा अब टूटता नजर आ रहा है। लोग सोचने को मजबूर हो गए हैं कि यह फोरलेन सड़क की स्कीम सिर्फ दल्ली राजहरा के शहरी क्षेत्र वह भी महज 4 किलोमीटर तक क्यों बनाने का प्रस्ताव आखिर क्यों है? राजहरा व्यापारी संघ नगर के बीच से फोरलेन सड़क बनाने के विरोध में है। इसलिए क्षेत्रीय सांसद को सैकड़ों व्यापारियों का हस्ताक्षर युक्त विरोध पत्र भी सौंपा गया है। उच्च अधिकारियों से भी पत्राचार हुए हैं पर अब तक कोई सकारात्मक पहल उभर कर सामने नहीं आई है। ज्ञात रहे की फोरलेन सड़क पर प्रायः नगर के बाहर से निकाली जाती है, पर सरकार दल्ली राजहरा नगर के बीच से चार किलोमीटर फोरलेन सड़क निकलने पर तुली हुई है।

गलत है यह फैसला: वाधवानी
राजहरा व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोविंद वाधवानी का कहना है कि शहर के बीच से प्रस्तावित फोरलेन बनाना कहीं से भी उचित प्रतीक नहीं हो रहा है। शासन को इस पर गंभीरता से ध्यान देकर इस प्रोजेक्ट को बायपास रोड की ओर केंद्रित करना चाहिए।

यह जनहित में नहीं: तोरण साहू
नगर पालिका अध्यक्ष तोरण लाल साहू ने भी कहा कि नगर के व्यवसायिक क्षेत्र से बाईपास सड़क निकालना कहीं से भी उचित नहीं लग रहा है। इससे सैकड़ों लोग विस्थापित हो सकते हैं। बस्तियां उजड़ जाएंगी और हजारों परिवार बेघर हो जाएंगे।शासन प्रशासन को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

बायपास पर ध्यान दे शासन: रवि
इसी परिपेक्ष में नगर के वरिष्ठ पत्रकार रवि जायसवाल ने कहा कि फोरलेन सड़क निर्माण शहर के बीच से कराया जाना कहीं से भी जनहित का काम नहीं है। शासन को बाईपास सड़क पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए । वहीं फोरलेन सड़क का निर्माण अगर शासन करें तो ज्यादा उपयुक्त होगा।

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