बंद होने के कगार पर है 90 दशक पुराना स्कूल

0  क्या बंद हो जाएगा 1936 का हिंदी मीडियम स्कूल 
तोकापाल। विकासखंड तोकापाल ब्लॉक मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बेडागुड़ा में 1936 से संचालित पूर्व माध्यमिक शाला के बंद हो जाने का खतरा पैदा हो गया है। ग्राम पंचायत तोकापाल व बेडागुड़ा के बच्चे इस स्कूल में पढ़ाई करते हैं। दो स्कूलों के एक ही डाइस नंबर ने ग्रामीणों को उलझन में डाल दिया है। ग्रामीणों को शक है कि इस पुराने स्कूल को बंद कर इंग्लिश मिडियम स्कूल खोला जा रहा है।
दोनों ग्रामों के बीचो-बीच स्थित पूर्व माध्यमिक शाला तोकापाल बेड़ागुड़ा की स्थापना 1936 में की गई थी सन 2018 से डाइस कोड 22152310302 पर इस स्कूल में केंद्र द्वारा अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोला गया है और एक ही डाइस कोड पर हिंदी व अंग्रेजी मीडियम स्कूल संचालित रहा है। बेडागुड़ा व तोकापाल के पालक व ग्रामीणों ने बीईओ और बीआरसी ऑफिस के कर्मचारियों को बुलाया तथा इसकी जानकारी दी। बीईओ पूनम सलाम व बीआरसी अजय शर्मा ने कहा कि यह स्कूल हिंदी मीडियम है, इसे बंद नहीं किया जाएगा। अंग्रेजी मीडियम स्कूल अलग से संचालित किया जाएगा। दो ग्राम पंचायतों के मध्य में होने से दोनों पंचायत के बच्चे यहां पर अध्यनरत हेतु आते हैं जो आगे की पढ़ाई के लिए ग्राम पंचायत परपा हायर सेकंडरी स्कूल या फिर तोकापाल जाते हैं। पूर्व माध्यमिक शाला हिंदी मीडियम को बंद नहीं किया जाना चाहिए। गांव से दो किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी पूर्व माध्यमिक हिंदी मीडियम स्कूल नहीं है जो बहुत ही दुखदयी है। 1936 की पूर्व माध्यमिक शाला बंद होने पर यहां के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। इसलिए बेडागुड़ा व तोकापाल के ग्रामीणों ने पंचायत में बैठक रखी और हिंदी मीडियम को बंद नहीं करने के लिए जिला कलेक्टर ऑफिस जाने की बात पर सहमति बनी। ग्रामीणों का कहना है कि शासन प्रशासन हमारी मांगे नहीं मानेंगे तो तो अपने बच्चों के खातिर रोड पर उतर कर स्कूल को हिंदी मीडियम संचालित स्थावत रहने हेतु आंदोलन करेंगे। सीबीएसई कोर्स की पढ़ाई के लिए अभी तक टीचर उपलब्ध नहीं हैं न ही पढ़ाई होती है। आगे जाकर बच्चों को हिंदी मीडियम में दाखिला लेना पड़ता है।
इसलिए केंद्र द्रारा संचालित सीबीएसई पैटर्न स्कूल व डाइस कोड जारी कर नए सिरे से अंग्रेजी स्कूल संचालित करना चाहिए। बीईओ पूनम सलाम, बीआरसी अजय शर्मा को राज्य द्रारा संचालित स्कूल को बंद नहीं करवाना चाहिए। ग्रामीणों में इस बात की चिंता है कि इस स्थिति में बच्चों के भविष्य का क्या होगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *