खैरगुड़ा में तीन दिन से ब्लैकआउट, ट्रांसफार्मर खराब हो जाने से बिजली आपूर्ति ठप, मोबाइल फोन भी मौन

0  ग्रामीणों के सारे कामकाज हो रहे हैं प्रभावित 

जगदलपुर। बस्तर ब्लॉक की ग्राम पंचायत कुंडगुड़ा के आश्रित ग्राम खैरगुड़ा में तीन दिन से ब्लैक आउट की स्थिति बनी हुई है। ट्रांसफार्मर खराब हो जाने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। मोबइल फोन सेवा भी बंद हो गई है। ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
तीन दिन से अधिक समय से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण ग्रामीण अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली आपूर्ति बाधित होने से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, जिससे उन्हें पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इसके अलावा, मोबाइल चार्ज करने में भी परेशानी हो रही है, जिससे उनके मोबाइल बंद हो गए हैं। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के अधिकारियों से जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर बदलने की मांग की है। उनका कहना है कि बिजली आपूर्ति बहाल होने तक उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों को गेहूं, दाल पिसाई और धान कुटाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

ऊर्जा सचिव के आदेश की धज्जियां

बिजली विभाग के अधिकारियों को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि बिजली विभाग के अधिकारी इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे और ग्रामीणों को राहत प्रदान करेंगे। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही ऊर्जा सचिव डॉ. रोहित यादव ने जगदलपुर में विद्युत कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर समूचे बस्तर संभाग में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। छत्तीसगढ़ शासन के उर्जा सचिव डॉ. रोहित यादव ने कहा था कि बस्तर अंचल में विद्युत सुविधाओं के विस्तार के लिए सकारात्मक पहल कर मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना योजनांतर्गत स्वीकृत नए कार्यों को तेजी के साथ संचालित किया जाए और अद्यतन प्रगति लाकर नियत अवधि में पूर्ण करें। नियद नेल्लानार योजना क्षेत्रों में विद्युतीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर डॉ. यादव ने जोर दिया था। उन्होंने गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर एवं लाईन संधारण की ज्यादा पहल करने तथा नियमित पेट्रोलिंग एवं मेंटेनेंस पर ध्यान देने की हिदायत अधिकारियों को दी थी। यह बीते शुक्रवार की बात है और हफ्ते भर में ही अधिकारियों ने अपने शीर्ष अफसर के आदेश का मखौल उड़ाना शुरू कर दिया है।

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