खनिज संपदा के निजीकरण के खिलाफ कांग्रेस का जंगी प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश कर रहे कांग्रेसियों पर पानी की बौछार

0 पुलिस से झूमा झटकी

0 पीसीसी अध्यक्ष बैज के नेतृत्व में न्याय पदयात्रा में कांग्रेस ने दिखाया दम 

जगदलपुर। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला की लौह अयस्क खदानों व बीजापुर की कोरंडम खदान को निजी कंपनियों को सौंपने के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार को दंतेवाड़ा में जंगी प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में पहुंचे कांग्रेसियों को कलेक्ट्रेट में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने तगड़े इंतजाम किए थे। इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज समेत कांग्रेसियों ने स्टॉपर पर चढ़कर सुरक्षा घेरा तोड़ने की पूरी कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने पानी की तेज बौछार भी की। झूमा-झटकी व धक्का मुक्की के बीच अंततः पुलिस कांग्रेसियों को कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने से रोकने में सफल रही।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज व कांग्रेसियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। इसके साथ ही 4 दिनों से जारी न्याय पदयात्रा का समापन हुआ। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक
बैलाडीला की खदानों को निजी हाथों में देने के विरोध में किरंदुल से दंतेवाड़ा तक 42 किमी लंबी पदयात्रा पूरी की। पदयात्रा के दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बचेली में पहुंचकर शामिल हुए थे। चौथे व अंतिम दिन पातररास से कलेक्टरेट तक निकली पदयात्रा में बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल भी शामिल हुए। पूर्व विधायक देवती कर्मा, जिला पंचायत सदस्य तूलिका कर्मा, सुलोचना कर्मा, छबिन्द्र कर्मा, मलकीत सिंह गैदू, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अवधेश गौतम, बबलू सिद्दीकी, राजकुमार तामो समेत जिले भर से आए कांग्रेस कार्यकर्ता इस पदयात्रा में शामिल हुए।

बारूद लूट ने खोली पोल : बैज
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उद्योगपतियों की समर्थक भाजपा सरकार ने बैलाडीला की खदानों को आरती स्पंज, मित्तल व रूंगटा को बेच दिया है। बीजापुर में कोरंडम खदान भी बेच रही है। खदानों को निजी हाथों में सौंपना गलत है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है। भाजपा के स्थानीय नेता भी मूकदर्शक बने हुए हैं। नक्सलवाद खत्म करने के सरकारी दावे पर सवाल खड़े करते हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि अगर नक्सलवाद खत्म हुआ है, तो एक दिन पहले ओड़िशा में नक्सली 5000 टन बारूद लूटने में कैसे सफल हो गए?

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