खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि और किसान हितैषी निर्णयों के लिए मोदी जी का अभिनंदन : किरण देव

० मोदी और साय सरकारों के कार्यकाल में किसानों के हुए विकास की प्रामाणिकता को सारे आँकड़े स्वयं ही सिद्ध कर रहे : देव

० भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने धान और कपास समेत 14 खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य बढ़ाने के किसान हितैषी निर्णय के लिए बधाई देकर कृतज्ञता ज्ञापित की

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.) की केंद्र सरकार द्वारा सत्र 2025-2026 के लिए धान और कपास समेत 14 खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य फिर से बढ़ाने के किसान हितैषी निर्णय के लिए बधाई देकर छत्तीसगढ़ के भाजपा-परिवार और किसानों की ओर से कृतज्ञता ज्ञापित की है। श्री देव ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में हुई 50 फीसदी बढोतरी किसानों के लिए सौगात है। भाजपानीत राजग सरकार ने 10 साल में किसानों के हित के लिए काम किया है, साथ ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली प्रदेश की भाजपा सरकार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है और दो साल का बोनस दिया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने कहा कि अपने 10 सालों के कार्यकाल में मोदी सरकार ने जमीन आसमान के अंतर वाला काम करके दिखा दिया है। कृषि का जो बजट कांग्रेस शासनकाल में 27हजार करोड रुपए हुआ करता था, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में अभी यह बजट 1.27लाख करोड रुपए को भी पार कर गया है। 5 गुना बढ़ोतरी का यह बजट है। साथ ही देश के करोड़ों किसानों को किसान सम्मन निधि मिल रही है। धान के समर्थन मूल्य में 2004 से 2014 तक केवल 4 लाख करोड़ रुपए का भुगतान हुआ वही मोदी सरकार में 14 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। गेहूँ में 2 लाख करोड रुपए का भुगतान कांग्रेस सरकार ने किया था, मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 5.30 लाख करोड़ रु का भुगतान किया है। किसानों के डेढ़ लाख करोड़ रुपए के बीमा के सेटलमेंट हुए हैं। इसके साथ-ही-साथ 1,389 मण्डियाँ ई-नाम से जुड़ी हैं, उर्वरक की सब्सिडी में 500 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। श्री देव ने कहा कि भाजपानीत राजग की केंद्र और प्रदेश की साय सरकार के कार्यकाल में किसानों का जो विकास हुआ है, सारे आँकड़े इसकी प्रामाणिकता को स्वयं ही सिद्ध कर रहे हैं।

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