० बकावंड की ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त की राशि को हड़पने के नए नए तरीके
(अर्जुन झा) बकावंड। जनपद पंचायत बकावंड की ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त की राशि की जमकर लूट की जा रही है। कहीं फोटोकॉपी की दुकान वाले को मटेरियल सप्लायर बताकर हजारों रुपए उसके नाम से निकालकर हजम किए जा रहे हैं, तो कहीं इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान वाले को स्टेशनरी सप्लायर बताकर राशि की बंदरबांट की जा रही है।
ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत भिरेंडा से सामने आया है, जहां सरपंच सचिव ने पंचायत की राशि को हड़पने के लिए नया रास्ता ढूंढ लिया है। इस पंचायत में स्टेशनरी कार्य के नाम से 26 हजार राशि फर्म राजवीर इलेक्ट्रॉनिक के नाम से भुगतान करना दर्शाया गया है। यह भुगतान पूरी तरह फर्जी है। स्टेशनरी की आपूर्ति किसी बुक डिपो में होती है, मगर यहां तो इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान से स्टेशनरी की आपूर्ति करा ली जाती है। लेकिन ग्राम पंचायत भिरेंडा़ के सरपंच सचिव ने स्टेशनरी का राजवीर इलेक्ट्रॉनिक को भुगतान करना बताया है। बकावंड ब्लॉक की अधिकतर ग्राम पंचायतों के सरपंच ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसका फायदा उठाकर ग्राम पंचायत के सचिव भुगतान प्रस्ताव में सील साइन करवा कर फर्जी भुगतान करते हैं। दो दिन पहले हीबकावंड विकासखंड की ग्राम पंचायत फरसीगांव से मटेरियल सप्लाई के नाम पर स्टेशनरी और फोटोकॉपी शॉप को भुगतान दर्शा कर 25 हजार रुपए हजम करने का मामला सामने आया था। ग्राम पंचायत फरसीगांव में फोटोकॉपी दुकान को मटेरियल आपूर्तिकर्ता बताकर उसके नाम 15 हजार रुपए का भुगतान करना पंचायत के दस्तावेज में शो किया गया है। यह राशि शुभकामना स्टेशनरी एंड फोटोकॉपी शॉप बकावंड को भुगतान करने का उल्लेख किया गया है। वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत कार्यालय हेतु स्टेशनरी खरीदी के नाम पर भी शुभकामना स्टेशनरी एंड फोटोकॉपी शॉप को ही 10 हजार रुपए का भुगतान किया जाना दर्शाया गया है। जिस दुकान में फोटोकॉपी का काम होता है उस दुकान से ग्राम पंचायत फरसीगांव आश्चर्यजनक ढंग से मटेरियल सप्लाई भी करवा लेती है और स्टेशनरी भी खरीद लेती है। ऐसे और न जाने कितने फर्जी बिल और फर्जी काम के दम पर कितने का फर्जीवाड़ा किया गया होगा, यह जांच का विषय है।
कराएंगे मामले की जांच
पंचायत सचिव द्वारा फर्जी भुगतान किए जाने के मामले की जांच कराई जाएगी और सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। दोषी पाए जाने पर सचिव का दूसरी पंचायत ट्रांसफर किया जाएगा।
-पारेश्वर कुर्रे,
सीईओ, जनपद पंचायत बकावंड