सड़क मरम्मत की आड़ में अपना घर भर रहे हैं पंचायत सचिव, 15वें वित्त की राशि में खुला खेल

०  अपने भाई को कर दिया लाखों का भुगतान 
०  एक ही सड़क की बार बार मरम्मत का गजब खेल 
(अर्जुन झा) बकावंड। 15वें वित्त की राशि ग्राम पंचायतों के सचिवों और सरपंचों के लिए निजी जागीर बन गई है। फर्जी काम और फर्जी भुगतान दिखाकर लाखों के वारे न्यारे किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक बड़े फर्जीवाड़े की खबर बकावंड जनपद की ग्राम पंचायत कोसमी से सामने आई है, जहां एक ही सड़क की तीन बार मरम्मत और मुरमीकरण का कार्य दर्शा कर पंचायत सचिव के भाई के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान शो किया गया है। इस फर्जीवाड़े को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव भले ही विशुद्ध रूप से जनता के लिए सुशासन तिहार मना रहे हैं, मगर असली सुशासन तो पर्व ग्राम पंचायत के सचिव और अन्य अधिकारी सरकारी धन को मिलबांट कर मना रहे हैं। विकासखंड बकावंड में 15वें वित्त आयोग की राशि से सड़क मरमत और मुरमीकरण कराने हेतु 4 से 5 लाख रुपए का आहरण कर लिया गया है, जबकि असल में काम कराया ही नहीं गया है।कोसमी और भेजरी पदर पंचायत दोनों का सचिव एक ही व्यक्ति खगेश्वर कश्यप है, जो विगत 10 वर्षों से वहां पदस्थ है। सचिव पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्होंने मुरूम बिछाई और समतलीकरण के नाम पर कई किश्तों में करीब 5 लाख रुपए अपने कथित भाई दुर्जन कश्यप के खाते में डाल दिया और बाद में खुद निकाल लिया है। बताया गया है कि सचिव ने दौड़कोट से कोसमी तक पहुंच मार्ग मरम्मत के नाम पर 2 लाख रुपए का भुगतान दर्शाया है। इसकी वाउचर संख्या एक्सवीएफसी 2024-25 पी/11 और प्राप्तकर्ता दुर्जन सिंह कश्यप है। इसी सड़क की मरम्मत के नाम पर उसी दुर्जन सिंह कश्यप को डेढ़ लाख का एक और भुगतान दर्शाया गया है। इसकी वाउचर संख्या एक्सवीएफसी 2024-25, पी/10 है। इसी तरह आंगनबाड़ी चौक से आमाडोंगरी पहुंच मार्ग के मुरमीकरण के नाम पर दुर्जन सिंह कश्यप को ही 1 लाख 49 हजार रुपए का भुगतान करना दर्शाया गया है। इसकी वाउचर संख्या एक्सवीएफसी 2024-25, पी/08 है। बताया गया है कि दुर्जन सिंह कश्यप पंचायत सचिव खगेश्वर कश्यप का भाई है। खगेश्वर कश्यप अपने भाई के खाते में रुपए डालकर बाद में खुद निकाल लेता है। इस तरह 15वें वित्त मद की राशि की खुलीलूट चल रही है।

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